पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह में हाई सिक्योरिटी मस्जिद पर हुए आत्मघाती हमले की साजिश अफगानिस्तान में रची गई थी और अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी ने इस हमले को फंड किया था. इस हमले की जांच कर रही सुरक्षा एजेंसियों ने यह जानकारी दी.
पाकिस्तान के जांचकर्ता अधिकारियों ने बताया कि पेशावर मस्जिद हमले की साजिश अफगानिस्तान में रची गई थी और इसे काबुल की खुफिया एजेंसी ने फंड किया था.
अधिकारियों ने बताया कि इस धमाके में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल पेशावर की व्यस्ततम मार्केट 'सरकी गेट' में दो बार बेची गई थी. मोटरसाइकिल बेचने वालों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस हमले में शामिल 17 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है. इस बीच काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट ने आत्मघाती हमलावर को मदद पहुंचाने वालों का पता बताने वालों के लिए एक करोड़ पाकिस्तानी रुपये का इनाम घोषित किया है.
खैबर पख्तूनखवा प्रांत के पुलिस प्रमुख मोआज्जिम जेह अंसारी का कहना है कि डीएनए सैंपल्स से आत्मघाती हमलावर की पहचान की गई है. उन्होंने कहा कि हमलावर मस्जिद में घुसने से पहले अपना हेलमेट बाहर ही छोड़ गया था, जिसे सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस जघन्य हमले के मददगारों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा. आत्मघाती हमलावर पुलिस की वर्दी पहनकर मस्जिद में घुसा था. वह मोटरसाइकिल से मस्जिद पहुंचा था. इस दौरान उसने हेलमेट के साथ मास्क भी लगा रखा था.
बता दें कि तालिबान के एक आत्मघाती हमलावर ने 30 जनवरी को पेशावर की मस्जिद में खुद को उड़ा दिया था. उस समय मस्जिद में दोपहर की नमाज अदा की जा रही थी. इस हमले में 101 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. मृतकों में बड़ी संख्या सुरक्षाकर्मियों की थी. पाकिस्तान तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी.
पाकिस्तान तालिबान को तहरीक-ए-तालिबान के नाम से भी जाना जाता है. टीटीपी ने धमाके के बाद बयान जारी कर कहा था कि उन्होंने पिछले साल अगस्त में अपने नेता उमर खालिद खुरासनी की हत्या का बदला लिया लिया है. खुलेआम ये दावा करके टीटीपी ने एक तरह से पाकिस्तान की सरकार को खुली चुनौती दे दी है.
उमर खालिद खुरासनी की मौत अगस्त 2022 में अफगानिस्तान में तब हुई थी, जब उसकी कार को निशाना बनाकर एक धमाका किया गया था. इसमें खुरासनी समेत 3 लोग मारे गए थे.