पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को लगातार टारगेट किया जा रहा है. हाल ही में पेशावर शहर की ओर जा रहे मनमोहन सिंह पर गुलदारा चौक काकशाल के पास हथियारबंद लोगों ने हमला कर दिया. जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया. मनमोहन रशीद गढ़ी से पेशावर के आंतरिक शहर की ओर जा रहे थे.
यह घटना यक्का तूत पुलिस थाना इलाके में हुई है. बीते 48 घंटे में यक्का तूत इलाके में किसी सिख व्यक्ति पर सशस्त्र हमले की यह दूसरी घटना है. बीते शुक्रवार को हमलावरों ने एक शख्स के पैरों में गोली मार दी थी, जिसमें सिख व्यक्ति घायल हो गया था. जबकि बीते मार्च में हमलावरों ने सिख व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
बता दें कि पेशावर में करीब 15 हजार सिख समुदाय के लोग रहते हैं, इनमें से ज्यादातर पेशावर के जोगन शाह पड़ोस में रहते हैं. यहां सिख समुदाय के अधिकांश लोग अधिकतर कारोबार से जुड़े हैं, जबकि कुछ की फार्मेसी भी हैं.
पाकिस्तान में कब-कब हुई ऐसी वारदात?
पिछले साल सितंबर में एक प्रसिद्ध सिख 'हकीम' (यूनानी चिकित्सा व्यवसायी) की पेशावर में उनके क्लीनिक के अंदर अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
2018 में, पेशावर में सिख समुदाय के एक प्रमुख सदस्य चरणजीत सिंह की अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी. इसी तरह, शहर में 2020 में न्यूज चैनल के एंकर रविंदर सिंह की हत्या कर दी गई थी.
2016 में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ नेशनल असेंबली के सदस्य सोरेन सिंह की भी पेशावर में हत्या कर दी गई थी. पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है.
पाकिस्तान में करीब 75 लाख हिंदू आबादी
आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, मुस्लिम बहुल देश में 75 लाख हिंदू रहते हैं. पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग के अनुमान के अनुसार, पाकिस्तान की 207 मिलियन आबादी में मुसलमान लगभग 96 प्रतिशत, हिंदू 2.1 प्रतिशत और ईसाई लगभग 1.6 प्रतिशत हैं. पाकिस्तान की अधिकांश हिंदू आबादी सिंध प्रांत में बसी हुई है जहां वे अपने मुस्लिम निवासियों के साथ संस्कृति, परंपराएं और भाषा साझा करते हैं.