पाकिस्तान का सियासी मसला सुलझता नजर नहीं आ रहा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव रद्द हो गया है. डिप्टी स्पीकर ने प्रस्ताव को असंवैधानिक करार देते हुए खारिज कर दिया. प्रस्ताव रद्द होने से पहले मंत्री फवाद चौधरी ने नेशनल असेंबली में प्रस्ताव को विदेशी साजिश बताते हुए खारिज करने की मागं की. सत्र शुरू होने के कुछ देर बाद ही सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि अनुच्छेद 5 (1) के तहत राज्य के प्रति वफादारी प्रत्येक नागरिक का मूल कर्तव्य है. उन्होंने प्रधानमंत्री के पहले के दावों को दोहराया कि सरकार को हटाने के कदम के पीछे विदेशी साजिश है.
चौधरी ने कहा कि 7 मार्च को हमारे आधिकारिक राजदूत को एक बैठक में आमंत्रित किया गया था, जिसमें अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था. बैठक में बताया गया था कि पीएम इमरान के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया जा रहा है. हमें बताया गया था कि पाकिस्तान के साथ संबंध अविश्वास प्रस्ताव की सफलता पर निर्भर थे. हमें बताया गया था कि यदि प्रस्ताव विफल हो जाता है, तो पाकिस्तान के लिए आगे का रास्ता बहुत कठिन होगा. चौधरी ने आरोप लगाया कि यह एक विदेशी सरकार का ऑपरेशन है. इस तरह अविश्वास प्रस्ताव को विदेशी साजिश बताकर डिप्टी स्पीकर ने इसे खारिज कर दिया.
क्या लिखा है आर्टिकल 5 में?
1. राज्य के प्रति वफादारी प्रत्येक नागरिक का मूल कर्तव्य है.
2. संविधान और कानून का पालन करना हर नागरिक का दायित्व है. वह कहीं भी हो और पाकिस्तान के भीतर हर दूसरे व्यक्ति का दायित्व है.
इमरान खान ने राष्ट्र को संबोधित किया
अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद इमरान खान ने राष्ट्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव एक विदेशी साजिश थी. देश डिप्टी स्पीकर के फैसले से खुश है. देश के खिलाफ हो रही राजिश नाकाम हो गई है. जिन लोगों ने साजिश रचने के लिए पैसे लिए उन्हें लोगों की भलाई में इसे खर्च करना चाहिए. इमरान ने कहा कि मैं पाकिस्तान के लोगों से अपील करता हूं कि वे चुनाव के लिए तैयार रहें.
इमरान खान ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में हमें जनता के पास जाना चाहिए. जनता को तय करना चाहिए कि वह किसे चुनना चाहती है. उन लोगों को सत्ता नहीं मिलनी चाहिए जो भ्रष्ट हैं और पहले से ही शपथ ग्रहण के लिए कपड़े सिलवाकर तैयार बैठे हुए हैं.
विदेशी ताकतों ने करोड़ों रुपए लोगों को खरीदने के लिए खर्च किए. ये पैसे बर्बाद ही होंगे. जनता को मुल्क का फैसला करना है. नेशनल असेंबली भंग होने के बाद जो भी प्रक्रिया होगी, उसे आगे अपनाया जाएगा. 22 करोड़ की कौम की चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही थी. आज साजिश फेल हो गई है.
डिप्टी स्पीकर ने क्या कहा?
नेशनल असेंबली का सत्र शुरू होते ही डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव कानून के मुताबिक होना जारूरी है. किसी विदेशी मुल्क को यह हक नहीं है कि वह साजिश के तहत पाकिस्तान की सरकार गिरा दे. कानून मंत्री ने बिल्कुल सही मसला उठाया है, अविश्वास प्रस्ताव नियमों के खिलाफ लाया गया है. इसलिए अविश्वास प्रस्ताव खारिज किया जाता है.