पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कट्टरपंथियों के सामने हथियार डाल दिए हैं. दरअसल, इमरान खान ने कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) को प्रतिबंधित संगठनों की लिस्ट से बाहर करने की अनुमति दे दी है. उधर, विपक्ष इमरान खान को पीएम के पद से हटाने की कोशिश में जुट गया है. नवाज शरीफ की बेटी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज की नेता मरियम नवाज शरीफ ने लोगों से इमरान खान सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए लोगों से राय मांगी है.
मरियम नवाज शरीफ ने लोगों से राय मांगी है कि इमरान खान सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए पाकिस्तान डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीएम) को कौन से कदम उठाने चाहिए. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, मरियम नवाज शरीफ ने ये कदम ऐसे वक्त पर उठाया जब इमरान खान महंगाई के चलते विरोध का सामना कर रहे हैं. ऐसे में विपक्षी गठबंधन महंगाई के खिलाफ बढ़ती जन भावनाओं का लाभ लेने की योजना बना रहा है.
हम आपके साथ खड़े होना चाहते हैं- मरियम
मरियम ने ट्वीट कर लिखा, पीडीएम और पीएमएल-एन लोगों की भावनाओं की कद्र करता है और उनकी पीड़ा को दूर करना चाहता है. इस जरूरत के वक्त हम आपके साथ खड़े रहना चाहते हैं और आपकी आवाज बनना चाहते हैं. उन्होंने पाकिस्तान के लोगों से पूछा, "आपको क्या लगता है कि इस संबंध में हमारा सबसे प्रभावी और चरम उपाय क्या होना चाहिए ?''
उन्होंने पूछा, मैं लोगों से पूछना चाहती हूं कि उन्हें 2017 का नवाज शरीफ वाला पाकिस्तान चाहिए, या ये गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, आतंकवाद, अस्थिर और भुखमरी वाला पाकिस्तान चाहिए. मरियम ने कहा, इमरान खान ने पाकिस्तान को हर क्षेत्र में रीजन का सबसे पिछड़ा देश बना दिया है. मरियम ने आगे कहा, जब शासक को लोगों के प्रति सहानुभूति नहीं रहती, तो सरकार की जिद इस तरह से दिखती है. विपक्षी पार्टियों ने इमरान खान सरकार के खिलाफ इस्लामाबाद तक महंगाई मार्च निकालने का ऐलान किया है. इससे पहले राज्यों की राजधानियों में भी महंगाई मार्च निकाला जाएगा.
कट्टरपंथियों के सामने झुके इमरान खान
इससे पहले शनिवार को इमरान खान ने कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) को प्रतिबंधित संगठनों की लिस्ट से बाहर करने की अनुमति दे दी है. टीएलपी इमरान खान सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहा है. टीएलपी ने अप्रैल में कार्टून विवाद के बाद पाकिस्तान में फ्रांस के राजदूत को देश से बाहर निकालने को लेकर प्रदर्शन किया था. इस दौरान काफी हिंसा भी हुई थी. इसके बाद टीएलपी पर सरकार ने प्रतिबंधित लगा दिया था.
पिछले महीने टीएलपी ने फिर हिंसक विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद सरकार को समझौता करना पड़ा. हालांकि, अभी सरकार की ओर से इस समझौते की डिटेल साझा नहीं की गई है. हालांकि, कुछ नेताओं के बयान से पता चलता है कि इस समझौते में टीएलपी को प्रतिबंधित संगठनों की लिस्ट से बाहर करना भी शामिल किया गया था. पिछले दिनों में सुरक्षाबलों और टीएलपी कार्यकर्ताओं में हुई झड़प में कम से कम 21 लोग मारे गए. इनमें 10 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं.