इमरान खान पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. चुनावों में मिले आंकड़ों में जीत दिखाई देने के बाद इमरान खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में इमरान खान ने सत्ता संभालने से पहले देश के सामने न्यू पाकिस्तान की परिकल्पना का खाका खींचा. आजाद मुल्क बनने के बाद से अब तक पाकिस्तान क्या बना और अब वह अपने कार्यकाल के दौरान कैसा नया पाकिस्तान बनाएंगे? लेकिन क्या इमरान खान की दलीलें सिर्फ यह कह गईं कि नया पाकिस्तान बनाने का फॉर्मूला उन्हें भारत से मिला है और उस फॉर्मूले को कारगर करने के लिए वह चीन के मॉडल पर भरोसा करने जा रहे हैं?
इमरान खान ने सत्ता की भनक लगने के बाद दावा किया कि वह बीते 70 साल से पाकिस्तान के साथ हो रहे खिलवाड़ को बंद करने की दिशा में कदम उठाएंगे. इमरान ने साफ किया कि अब तक पाकिस्तान में सत्ता के इर्द-गिर्द बैठे लोगों की भलाई के लिए काम किया गया. इसका नतीजा है कि आज पाकिस्तान में एक बड़ा गरीब तबका शिक्षा, स्वास्थ जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहा है.
लिहाजा अब वह राजनीति की बयार को इस तरह पलटने की कोशिश करेंगे जिससे पाकिस्तान में विकास के आंकलन की शुरुआत वहां के गरीबों की स्थिति के आधार पर किया जाएगा. गौरतलब है कि भारत के चुनावों में गरीबों को राजनीति के केन्द्र में लाने की कहानी 1970 के दशक में हुई और लगातार 2014 के आम चुनावों तक गूंज रही है.
लेकिन इस फॉर्मूले को अपनाने के साथ-साथ इमरान ने यह भी साफ कर दिया कि पाकिस्तान से गरीबी हटाने के लिए वह चीन का रुख करेंगे. चीन से सबक लेते हुए वह अपने मुल्क में गरीबों को विकास की मुख्यधारा में लाने का काम करेंगे. इमरान ने यहां तक दावा कर दिया कि उनकी रियासत में कुत्ते को भी खाली पेट नहीं रहने दिया जाएगा. लिहाजा, नया पाकिस्तान गरीबी से मुक्त होगा.
नए पाकिस्तान की परिकल्पना को साझा करते हुए इमरान खान ने दावा किया कि अब पाकिस्तान में कानून का बोलबाला होगा. इसके साथ ही नए पाकिस्तान में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की कवायद को जोर दिया जाएगा. इस काम के लिए इमरान ने संकेत दिया कि अब उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई एक केन्द्रीय एजेंसी द्वारा लड़ी जाएगी. इस एजेंसी के दायरे में सबसे पहले देश का प्रधानमंत्री और उनके मंत्री को रखा जाएगा.
लिहाजा, यहां तक तो इमरान खान ने भारत में चल रही लोकपाल की कवायद का फॉर्मूला अपने देश को सुनाया. लेकिन इसके बाद मिसाल के तौर पर इमरान ने कहा कि वह इसके लिए चीन का रुख करेंगे. इमरान के मुताबिक वह सरकार की कमान संभालने के बाद चीन के लिए एक विशेष दल रवाना करेंगे जो चीन सरकार से भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की बारीकियों को सीख कर पाकिस्तान से भ्रष्टाचार का सफाया करने का बीड़ा उठाएगी.
हालांकि इमरान ने विरोधाभास यह कह कर दिखा दिया कि उनकी इस मुहिम में राजनीतिक विद्वेष से काम नहीं किया जाएगा. लिहाजा, अब यह देखने की जरूरत है कि भारत के लिए इस फॉर्मूले को वह चीन के मॉडल पर बिना राजनीतिक विद्वेष के कैसे आगे बढ़ेंगे.
पाकिस्तान की मौजूदा चुनौतियों का जिक्र करते हुए इमरान खान ने कहा कि उनके देश की सबसे बड़ी जरूरत एक बड़ा निवेश है. इस निवेश के जरिए पाकिस्तान में रोजगार के बड़े संसाधन पैदा किए जाएंगे. नए रोजगार लाने से देश में भटके हुए युवाओं को जीवन की मुख्यधार में खींचा जा सकेगा. इस बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए पाकिस्तान को अपने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में बड़ा सुधार करने की जरूरत है. यह सुधार करने के बाद वह पाकिस्तान में सुरक्षित कारोबार का दावा करने के लिए अप्रवासी पाकिस्तानियों को लुभाएंगे जिससे वह अपना निवेश दुबई ले जाने की जगह पाकिस्तान लेकर आएं.
इस पूरे फॉर्मूले को समझाने के बाद इमरान ने दो टूक कहा कि वह बड़े निवेश का रास्ता चीन के भरोसे तय करेंगे. इमरान के मुताबिक पाकिस्तान में चल रहे चीन सिल्क रोड प्रोजेक्ट के भरोसे वह पाकिस्तान में बड़ा निवेश लाएंगे और देश को विकास के हाई-स्पीड हाईवे पर रख देंगे.
अंत में इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो दुनिया में खैरात देने वाले 5 प्रमुख मुल्कों में शामिल है. लेकिन पाकिस्तान में लोग अपनी सरकार को टैक्स अदा करने के लिए तैयार नहीं है. इमरान खान ने भरोसा दिलाया कि अब नए पाकिस्तान को टैक्स अदा करने की जरूरत है. इमरान ने भरोसा दिलाया कि उनका दिया गया टैक्स पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा क्योंकि वह खुद पाकिस्तान के खजाने की चौकीदारी करेंगे.
अब देखना यह है कि सत्ता की बागडोर संभालने के बाद इमरान खान भारत के इन फॉर्मूले पर कैसे चीन के मॉडल को बैठाते और पूरे संतुलन के साथ पाकिस्तान को नए पाकिस्तान की ओर लेकर जाते हैं.