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SCO सम्मेलन से कन्नी काट सकते हैं इमरान, भारत कर रहा मेजबानी

इमरान खान को न्योता भेजने की बात हो रही है क्योंकि एससीओ राष्ट्रप्रमुखों की मीटिंग में प्रधानमंत्री शिरकत करते हैं. पाकिस्तान भी एससीओ का सदस्य है, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि उसकी तरफ से कौन भारत आता है.

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इमरान सरकार की ओर से कोई मंत्री बैठक में शामिल हो सकता है (इमरान खान की फाइल फोटो-ANI)
इमरान सरकार की ओर से कोई मंत्री बैठक में शामिल हो सकता है (इमरान खान की फाइल फोटो-ANI)

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  • भारत का निमंत्रण नकार सकते हैं इमरान खान
  • भारत में एससीओ की पहली उच्चस्तरीय बैठक

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान साल के अंत में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत नहीं आएंगे. पाकिस्तान सरकार के सूत्र ने गुरुवार को पुष्टि की है कि इमरान खान एससीओ की बैठक के लिए भारत नहीं आएंगे. इमरान सरकार की ओर से कोई मंत्री बैठक में शामिल हो सकता है, लेकिन इसपर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

कुछ दिन पहले खबर आई थी कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को भारत आने का न्योता भेजा जाएगा. इस साल के आखिर में होने जा रहे शंघाई सहयोग संगठन की मेजबानी भारत करेगा, लिहाजा सदस्य देश के राष्ट्राध्यक्ष होने के नाते मोदी सरकार इमरान खान को भी इस समिट में शामिल होने के लिए न्योता भेज सकती है.

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आमतौर पर सरकार के प्रमुखों की मीटिंग में विदेश मंत्री हिस्सा लेते हैं. हालांकि, कुछ देशों के प्रधानमंत्री भी इसमें हिस्सा लेते हैं. इमरान खान को न्योता भेजने की बात इसलिए हो रही है क्योंकि एससीओ राष्ट्रप्रमुखों की मीटिंग में प्रधानमंत्री शिरकत करते हैं. पाकिस्तान भी एससीओ का सदस्य है, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि उसकी तरफ से कौन भारत आता है.

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सूत्रों के मुताबिक, प्रोटोकॉल को देखते हुए सरकार के सभी प्रमुखों को एससीओ के लिए न्योता भेजा जाएगा. भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इसमें शामिल होते हैं क्योंकि रूस के राष्ट्रपति (व्लादिमिर पुतिन), चीन के राष्ट्रपति (शी जिनपिंग) और अन्य गणमान्य व्यक्ति अपने-अपने देशों का नेतृत्व इस सम्मेलन में करते हैं. यह एससीओ की पहली उच्च स्तरीय बैठक है जिसे भारत आयोजित कर रहा है. भारत पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को न्योता देने की तैयारी में है क्योंकि वे वहां के राष्ट्राध्यक्ष हैं. एससीओ का मुख्यालय बीजिंग में है. एससीओ राष्ट्राध्यक्षों की बैठक आयोजित करता है. सालाना होने वाले बैठक में सरकार के प्रमुख हिस्सा लेते हैं.

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2001 में बना एससीओ

एससीओ का गठन औपचारिक तौर पर 2001 में हुआ. इसकी स्थापना चीन, रूस, कजाकस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने मिलकर की. इस संगठन का मकसद आतंकवाद को रोकना और आर्थिक व सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाना था. भारत और पाकिस्तान को इस संगठन में काफी देर से प्रवेश मिला. साल 2017 में भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों को एक साथ इस संगठन के सदस्यों में शामिल किया. हालांकि, इससे पहले 2005 से ही भारत एससीओ में ऑब्जर्वर के तौर पर शिरकत कर रहा था.

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