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'मैं तो मजनूं हूं...', पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ ने अदालत में क्यों कही ये बात

Pakistan के आर्थिक और राजनीतिक हालात दोनों ही बदतर होते जा रहे हैं. नई सरकार के गठन के बाद भी वहां की आवाम को राहत नहीं है. देश के प्रधानमंत्री मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अदालत में पेश हो रहे हैं तो दूसरी ओर आर्थिक हालात भी श्रीलंका जैसे ही बिगड़ रहे हैं.

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पाकिस्तान के पीएम मनी लॉन्ड्रिंग केस में अदालत में पेश हुए. (फाइल फोटो)
पाकिस्तान के पीएम मनी लॉन्ड्रिंग केस में अदालत में पेश हुए. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे पाकिस्तान के पीएम
  • बेटे सहित अदालत में हुए पेश

पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में अदालत में पेश हुए और कहा कि उन्होंने पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रहते हुए सैलरी तक नहीं ली. उन्होंने कहा कि ऐसा उन्होंने इसलिए किया क्योंकि वो मजनूं (मूर्ख) थे. शहबाज शरीफ और उनके दोनों बेटों के खिलाफ इस समय मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा चल रहा है. जिसमें से एक बेटा हमजा इस समय पंजाब प्रांत का चीफ मिनिस्टर है और वो भी आज शहबाज शरीफ के साथ ही अदालत में पेश हुआ था. वहीं दूसरा बेटा सुलेमान इसी मामले में फरार है और इस समय विदेश में कहीं छिपा है. 

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बता दें कि पाकिस्तान की केंद्रीय जांच एजेंसी ने कथित तौर पर शहबाज के परिवार से जुड़ीं 28 बेनामी संपत्तियों को पकड़ा है जिनके जरिए साल 2008 से 2018 के बीच 75 मिलियन अमेरिकी डॉलर काले धन को सफेद किया गया है. जांच एजेंसी ने 17 हजार बार हुए लेनेदेन की जांच की है. यह काला धन 'छिपे हुए खातों' में रखा गया था और इसे शहबाज शरीफ को ट्रांसफर किया गया. ये सारे आरोप जांच एजेंसी की तरफ से लगाए गए हैं.  

हालांकि अदालत के सामने पेश हुए शहबाज शरीफ ने सभी आरोपों को नकार दिया है. उन्होंने कहा 12 साल के कार्यकाल में उन्होंने सरकार से एक भी पैसा नहीं लिया है. शहबाज ने कहा कि ईश्वर ने उनको देश का प्रधानमंत्री बनाया है. मैं तो एक मजनूं हूं क्योंकि मैंने एक भी कानूनी तौर पर वैध पैसा भी नहीं लिया, चाहे वह सैलरी हो या दूसरे लाभ.

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गौरतलब है कुछ दिन पहले ही इमरान खान की जगह शहबाज शरीफ को पाकिस्तान को नया प्रधानमंत्री बनाया गया है. कई दिनों तक चले घटनाक्रम के बाद इमरान खान को इस्तीफा देना पड़ा था. लेकिन नई सरकार के गठन के बाद से भी पाकिस्तान की हालात में सुधार नहीं हो रहा है. एक ओर जहां इमरान खान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और दो दिन पहले ही इस्लामाबाद में हिंसा आगजनी हुई है तो दूसरी ओर पाकिस्तान की आर्थिक हालत श्रीलंका की तरह खराब होते जा रहे हैं.

 

 

 

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