पाकिस्तान में सियासी बवाल कम होने का नाम नहीं ले रहा है. पूर्व पीएम इमरान खान की रिहाई को लेकर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के कार्यकर्ता पिछले कई दिनों से देशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी बीच, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रविवार को एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया है, जिसमें गठबंधन सरकार के वरिष्ठ सदस्य शामिल हैं. ये समिति मुख्य विपक्षी पार्टी PTI से बातचीत करेगी. दरअसल, PTI ने मौजूदा सरकार को नागरिक अवज्ञा की धमकी दी है.
इस जांच समिति में उप प्रधानमंत्री इशाक डार, राणा सनाउल्लाह, सीनेटर इरफान सिद्दीकी, राजा परवेज अशरफ, नवीद क़मर, डॉ. खालिद मकबूल सिद्दीकी, अब्दुल अलीम खान और चौधरी सलीक हुसैन शामिल हैं.
बता दें कि कुछ हफ्ते पहले PTI के संस्थापक इमरान खान द्वारा एक समिति का गठन किया गया था, जिसमें PTI के नेताओं को शामिल किया गया था, जो सरकार से बातचीत करने के लिए थी. यह PTI की यह समझ को दर्शाता है कि टकराव की नीति को अनिश्चितकाल तक जारी नहीं रखा जा सकता. प्रधानमंत्री ने इस बातचीत समिति का गठन नेशनल असेंबली के स्पीकर आयाज सादिक की सिफारिश पर किया.
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सादिक की इस प्रयास की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि संभावित वार्ताओं के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा और हित को प्राथमिकता दी जाएगी.
पीटीआई ने दी थी धमकी
पाकिस्तान सरकार की ओर से ये कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब PTI द्वारा नागरिक अवज्ञा आंदोलन की घोषणा की गई थी. पीटीआई ने कहा था कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे रविवार से आंदोलन के पहले चरण की शुरुआत करेंगे.
बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इमरान खान की पार्टी के विरोध प्रदर्शन के दौरान अराजकता फैलाने वालों की पहचान करने के लिए गृह मंत्री मोहसिन नकवी के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की थी. उन्होंने प्रदर्शनकारियों को आतंकी समूह बताया था.