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इमरान खान के नक्शे कदम पर PM शहबाज! पुतिन को गुपचुप लिख रहे हैं चिट्ठी, रूस को लेकर पाकिस्तान का क्या है प्लान

पाकिस्तान में निजाम बदल चुका है लेकिन रूस को लेकर उसकी नीतियां नहीं बदली है. पड़ोसी देश के नए पीएम शहबाज शरीफ इमरान खान की उस नीति को फॉलो कर रहे हैं, जिसकी वजह से कथित रूप से उनकी कुर्सी चली गई.

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पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और पूर्व पीएम इमरान खान.
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और पूर्व पीएम इमरान खान.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रूस का साथ नहीं छोड़ना चाहता है पाकिस्तान
  • इमरान के बाद शहबाज भी पुतिन को भेज रहे लेटर
  • रूस जाने के कारण गई मेरी कुर्सी- इमरान

इमरान खान की पीएम पद से विदाई में उनकी बेवक्त की रूस यात्रा का बड़ा रोल रहा है. पाकिस्तान में अब प्रधानमंत्री बदल चुके हैं और पीएमएल एन के नेता शहबाज शरीफ देश के नए वजीर-ए-आजम बने हैं. लेकिन अगर रूस की बात करें शहबाज शरीफ भी इमरान खान को फॉलो करते नजर आ रहे हैं और रूस के साथ संबंधों को सुधारने के लिए चुपचाप राष्ट्रपति पुतिन को चिट्ठी लिख रहे हैं. 

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बता दें कि इमरान खान ने साफ-साफ कहा था कि अमेरिका की मर्जी के खिलाफ उनका मास्को की यात्रा पर जाना पीएम पद से उनकी विदाई की वजह बनी थी.  

मीडिया में लीक नहीं होने दी गई बात

पाकिस्तान के समाचार पत्र द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने जानकारी दी है कि जब शहबाज शरीफ पीएम बने तो रूस और पाकिस्तान के बीच पत्रों का आदान-प्रदान हुआ, लेकिन बिना वजह विवाद पैदा न हो इसलिए इस अहम घटनाक्रम की जानकारी मीडिया को नहीं दी गई. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को उनके पीएम बनने पर बधाई देते हुए एक पत्र लिखा था. रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने अपनी पहचान सार्वजनिक न करने की शर्त पर बताया कि पुतिन ने पत्र में कहा कि उनका देश पाकिस्तान के साथ संबंधों को और भी मजबूत बनाना चाहता है. 

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एक ही दिन बाद पुतिन ने शहबाज को दिया बंधाई संदेश

रिपोर्ट के अनुसार शहबाज शरीफ के पीएम बनने के बाद राष्ट्रपति पुतिन ने शहबाज शरीफ को बधाई संदेश दिया. इसकी जानकारी क्रेमलिन प्रेस ऑफिस ने सार्वजनिक की है. पुतिन ने शहबाज शरीफ को 12 अप्रैल को भेजे गए अपने बधाई संदेश में लिखा, "हमारे देश मैत्रीपूर्ण और रचनात्मक संबंध साझा करते हैं, मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री के रूप में आप रूस और पाकिस्तान के बीच घनिष्ठ बहुआयामी सहयोग को बढ़ावा देने के साथ-साथ अफगान समझौते में साझेदारी और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मुकाबला करने की कोशिश करेंगे."

शहबाज ने पुतिन को यूं दिया जवाब

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, शहबाज ने पुतिन को उनके बधाई संदेश के लिए धन्यवाद दिया और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने का भरोसा दिया साथ ही अफगानिस्तान पर सहयोग करने की बात कही. 

इस्लामाबाद में रूसी दूतावास ने अपने ट्विटर हैंडल से 12 अप्रैल को शहबाज को बधाई दी थी और उम्मीद जताई कि उनकी सरकार के तहत दोनों देशों के बीच संबंध विकसित होंगे. 

24 फरवरी को वर्ल्ड पॉलिटिक्स में 2 घटनाएं 

24 फरवरी को रूस के राष्ट्रपति पुतिन जब अपने देश की सेनाओं को यूक्रेन पर हमले की इजाजत दे रहे थे तो उसी दिन पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम इमरान खान मास्को में पुतिन के साथ थे. इमरान खान के इस यात्रा से लौटते ही पाकिस्तान में उनके खिलाफ माहौल बनना शुरू हो गया. इमरान खान का आरोप है कि उनकी रूस यात्रा को अमेरिकी हुक्मरानों ने पसंद नहीं किया और उनके खिलाफ अमेरिका समर्थित अविश्वास प्रस्ताव लाया गया.  

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इमरान खान ने बार-बार कहा है कि अमेरिका नहीं चाहता था कि वे रूस का दौरा करें और राष्ट्रपति जो बिडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ को फोन किया और उनसे कहा कि वे इमरान के रूस दौरे को रुकवायें. हालांकि अमेरिका इमरान खान के इन आरोपों को तवज्जो नहीं देता है और इसे निराधार बताता रहा है. 

पाकिस्तान-रूस का कदमताल जारी रहेगा

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून लिखता है शहबाज शरीफ और पुतिन के बीच पत्रों का सिलसिला ये बताता है कि दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूत करने की कवायद नई सरकार में भी जारी रहेगी. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि रूस के साथ संबंधों को नई दिशा देने का कवायद का फैसला पहले लिया गया था. ये फैसला बदलने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को ध्यान में रखते हुए लिया गया था. अधिकारियों ने बताया कि ये प्रक्रिया बिना मीडिया में बिना शोर मचाये जारी रहेगी. 

कोल्ड वार के दौरान ठंडे पड़ गए थे संबंध

बता दें कि शीत युद्ध के दौरान रूस और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद ठंडे पड़ गए थे. इस दौरान रूस का झुकाव भारत की ओर था लिहाजा पाकिस्तान अमेरिकी खेमे में था. लेकिन रूस के साथ पाकिस्तान के संबंध हाल के वर्षों में शीत युद्ध की कड़वी यादों से आगे निकल गए हैं. पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंधों में कड़वाहट ने पाकिस्तान को रूस और चीन से हाथ मिलाने पर मजबूर कर दिया है. 

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