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इमरान के 'तख्तापलट' के 5 बड़े किरदार, एक मीटिंग से शुरू होकर सीक्रेट लेटर तक कैसे आई बात

Pakistan Political Crisis: पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ विपक्ष एकजुट हो गया है. उनके खिलाफ लाए अविश्वास प्रस्ताव पर 3 अप्रैल को नेशनल असेंबली में वोटिंग होगी.

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इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव पर नंबर गेम में भी फंसते नजर आ रहे हैं. (फाइल फोटो-AP/PTI)
इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव पर नंबर गेम में भी फंसते नजर आ रहे हैं. (फाइल फोटो-AP/PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 5 फरवरी को शरीफ-भुट्टो की मीटिंग हुई
  • इमरान के खिलाफ साथ आए विपक्षी दल
  • सदन में विपक्ष के पास 175 वोट का दावा

Pakistan Political Crisis: 'नया पाकिस्तान' का वादा कर सत्ता में आए इमरान खान के साथ वही हो रहा है जो 'पुराना पाकिस्तान' में हुआ करता था. विपक्षी दल साथ आ गए हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है. 

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पाकिस्तान में आखिरी बार तब के प्रधानमंत्री शौकत अजीज के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. ये प्रस्ताव गिर गया था और शौकत अजीज की कुर्सी बच गई थी. उससे पहले 1989 में बेनजरी भुट्टो के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था, जो 12 वोटों से गिर गया था. 

ये तीसरी बार है जब पाकिस्तान में प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. पाकिस्तान के इतिहास में अब तक दो बार अविश्वास प्रस्ताव लाए गए हैं और दोनों ही बार गिर गए. लेकिन इमरान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पास होने के दावे किए जा रहे हैं. उसकी वजह ये है कि विपक्ष एकजुट हो गया है और इमरान के सहयोगी ही साथ छोड़कर जा रहे हैं. 

इमरान खान के खिलाफ विपक्ष ने सोमवार (28 मार्च) को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. इस प्रस्ताव पर 31 मार्च को बहस होनी है. पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने बताया है कि प्रस्ताव पर 3 अप्रैल को वोटिंग होगी. इमरान की कुर्सी पर विपक्ष की 'नजर' तो शुरू से ही थी, लेकिन इसकी असल कहानी एक मीटिंग से शुरू हुई.

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क्या थी वो मीटिंग?

- करीब दो महीने पहले 5 फरवरी को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto) और उनके पिता आसिफ अली जरदारी (Asif Ali Zardari) ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) की नेता मरियम शरीफ (Maryam Sharif) और शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) से उनके घर जाकर मुलाकात की. 

- ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है जब बिलावल भुट्टो शरीफ परिवार से मिलने उनके घर जाते हैं. ये मुलाकात इसलिए भी खास रही क्योंकि इसमें मरियम ने अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) की बात फोन पर आसिफ अली जरदारी से करवाई. नवाज इस समय लंदन में हैं.

- पाकिस्तानी संसद नेशनल असेंबली में PPP और PML-N बड़ी पार्टियां हैं. इसी मीटिंग में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की सरकार गिराने का खांका तैयार हुआ. दोनों विपक्षी पार्टियां हैं तो जाहिर है कि सरकार के विरोध में ही रहेंगी, लेकिन इससे पहले PPP और PML-N में एकराय नहीं बन पा रही थी.

- 5 फरवरी को शरीफ परिवार के घर में हुई उस मुलाकात के बाद दोनों पार्टियों ने इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान कर दिया. इसके बाद शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) और जमीयत उलेमा-ए-फजल (JUI-F) के प्रमुख मौलाना फजल उर-रहमान से बात की और अपने साथ किया. 

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'सीक्रेट लेटर' तक आई बात...

- प्रधानमंत्री इमरान खान ने 27 मार्च को राजधानी इस्लामाबाद में एक रैली की. इस रैली में इमरान ने एक 'सीक्रेट लेटर' दिखाते हुए विपक्ष पर विदेशी फंडिंग लेने का आरोप लगाया. इमरान ने आरोप लगाया कि उनकी सरकार को गिराने के लिए विपक्ष को विदेश से पैसा मिल रहा है. 

- इस सीक्रेट लेटर पर मरियम नवाज ने कहा कि इमरान अपने पूरे कार्यकाल में देश की भलाई पर ध्यान देने के बजाय शरीफ परिवार की आलोचना ही करते रहे. मरियम ने कहा कि अब इमरान के जाने का समय आ गया है क्योंकि वो विश्वास खो चुके हैं.

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'ऑपरेशन इमरान' के 5 बड़े किरदार

1. मरियम शरीफः पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी और PML-N की उपाध्यक्ष हैं. मरियम लगातार इमरान के खिलाफ हमलावर रहीं हैं. उन्होंने पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री उस्मान बजदर को हटाने पर इमरान पर निशाना साधते हुए कहा कि आपने अपनी जान बचाने के लिए अपने भरोसेमंद साथी को पानी में डुबा दिया. मरियम का दावा है कि इमरान की पार्टी PTI जनता का विश्वास खो चुकी है.

2. शहबाज शरीफः नवाज शरीफ के छोटे भाई और PML-N के अध्यक्ष हैं. इमरान की सत्ता अगर छीनती है तो शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है. शहबाज शरीफ का कहना है कि राजनैतिक और संवैधानिक रास्ते के जरिए जब तक इमरान को नहीं हटाया जाता, तब तक पाकिस्तान का भविष्य खतरे में है.

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3. बिलावल भुट्टो जरदारीः पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष हैं. बिलावल भुट्टो कई बार इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात करते रहे हैं, लेकिन उन्हें विपक्ष का साथ नहीं मिला था. इस बार उन्हें विपक्ष का साथ मिला है.

4. फजल उर-रहमानः पाकिस्तान मूवमेंट पार्टी और जमीयत उलेमा ए फजल (JUI-F) के प्रमुख हैं. PML-N और PPP के साथ इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले नेता हैं. फजल-उर रहमान का दावा है कि इमरान खान बहुमत खो चुके हैं और उनके हाथ से चीजें निकल चुकी हैं. 

5. अल्ताफ हुसैनः पाकिस्तान के मौजूदा राजनीतिक संकट में मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (MQM-P) के प्रमुख अल्ताफ हुसैन का नाम भी चर्चा में है. इमरान सरकार को MQM-P का समर्थन हासिल है. इमरान खान ने MQM-P को मंत्रालय की पेशकश भी की थी, लेकिन पार्टी ने विपक्ष से हाथ मिला लिया है. 

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आर्मी ने भी इमरान का साथ छोड़ा!

- पाकिस्तान की राजनीति में आर्मी के दखल की बात जगजाहिर है. वहां कई बार सेना तख्तापलट कर चुकी है. इमरान की कुर्सी पर खतरे को लेकर अभी तक आर्मी को भले ही तटस्थ माना जा रहा है, लेकिन इन सबके पीछे आर्मी की भूमिका को नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता.

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- इमरान खान अब पाकिस्तान की सेना के चहेते भी नहीं रहे हैं. पाकिस्तान के मौजूदा आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल खत्म होने वाला है और उनके बाद इमरान खान अपने करीबी लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद को सेना की कमान सौंपना चाहते हैं, लेकिन इससे सेना नाराज है. 

- इमरान खान और सेना की नाराजगी तब जगजाहिर हो गई थी, जब इमरान ने एक रैली में कहा, 'मैं जनरल बाजवा से बात कर रहा था और उन्होंने मुझसे कहा कि मैं फजल को डीजल न बोला करूं. लेकिन मैं अकेला नहीं हूं जो ऐसा कहता हूं. लोग उन्हें डीजल बुलाते हैं.' इमरान फजल उर-रहमान का जिक्र कर रहे थे.

- बताया जाता है कि पाकिस्तानी सेना और इमरान के रिश्ते लंबे समय से खराब चल रहे थे. विपक्ष जब इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कर रहा था, तभी बाजवा ने इमरान से इस्तीफा देने की बात कह दी थी. पाकिस्तानी मीडिया में ऐसी खबरें थीं कि बाजवा ने इमरान को OIC की मीटिंग के बाद इस्तीफा देने को कहा है.

क्या इमरान अपनी कुर्सी बचा पाएंगे?

पाकिस्तानी संसद नेशनल असेंबली में 342 सीटें हैं. सरकार बनाने या बचाने के लिए 172 वोटों की जरूरत है. 2018 में जब इमरान खान प्रधानमंत्री बने थे, तब उन्हें 176 वोट मिले थे, लेकिन अब इमरान बहुमत खोते दिख रहे हैं.

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- इमरान के पक्ष में वोटः PTI के 155, PMLQ के 4, GDA के 3, BAP और AML के 1-1 सांसद हैं. कुल मिलाकर इमरान के पक्ष में अभी 164 वोट हो रहे हैं.

- इमरान के खिलाफ में वोटः PML-N के 84, PPP के 56, MQM-P के 7, MMA के 14 सांसद हैं. PMLQ का एक सदस्य भी विपक्ष के साथ है. इसी तरह BAP के 4 सदस्य विपक्ष के साथ हैं. इनके अलावा BNPM 4, ANP और JWP के 1-1 और तीन निर्दलीय सांसद भी हैं. कुल मिलाकर विपक्ष के पास 175 वोट हैं.

 

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