Pakistan Political Crisis: पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार संकट में आ गई है. इमरान की अपनी ही पार्टी के दो दर्जन विधायक बागी हो गए हैं. सहयोगियों ने भी साथ छोड़ दिया है. इसके बाद अब इमरान की सरकार संसद में नंबर गेम में फंसती दिख रही है. हालांकि, इमरान के पास अब भी एक रास्ता है जिससे उन्हें सरकार बचाने की उम्मीद है.
क्या है वो रास्ता?
- पाकिस्तान की संसद नेशनल असेंबली में 342 सदस्य हैं. सरकार बनाने और गिराने के लिए 172 वोटों की जरूरत है.
- 172 वोट अविश्वास प्रस्ताव को पास कराने के लिए भी चाहिए. चूंकि अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष लेकर आया है, इसलिए उसे 172 वोट दिखाने होंगे.
- अगर 3 अप्रैल को विपक्ष 172 वोट से इस प्रस्ताव को पास नहीं करवा पाया तो इमरान की सरकार बच जाएगी.
इमरान खान की रणनीति क्या है?
इमरान खान ने एक आदेश जारी किया है. इसमें पार्टी के सभी सांसदों को वोटिंग के दिन गैरहाजिर रहने को कहा गया है. ऐसा इसलिए ताकि उनकी पार्टी का कोई भी सांसद उन्हें हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट न डाल दे. इमरान को अपना बहुमत साबित नहीं करना है, बल्कि उन्हें विपक्ष को 172 का आंकड़ा छूने से रोकना है.
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वोटिंग के बाद आगे क्या होगा?
अगर अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाता है और इमरान सरकार गिर जाती है तो नेशनल असेंबली नया प्रधानमंत्री चुनेगी. पाकिस्तान की संसद का कार्यकाल अगस्त 2023 तक है.
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी PML-N का कहना है कि उनकी ओर से शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे. अगर विपक्ष शहबाज शरीफ के नाम पर आगे बढ़ता है तो सदन में शहबाज को 172 वोट हासिल करने होंगे.
लेकिन अगर शहबाज 172 वोट हासिल नहीं कर पाते हैं और दूसरा कोई उम्मीदवार भी इतने वोट नहीं जुटा पाता है तो संसद को भंग भी किया जा सकता है.
नेशनल असेंबली का क्या है गणित?
- इमरान के पक्ष मेंः PTI के 155, PMLQ के 4, GDA के 3, BAP और AML के 1-1 सांसद हैं. कुल मिलाकर इमरान के पक्ष में अभी 164 वोट हो रहे हैं.
- इमरान के विरोध मेंः PML-N के 84, PPP के 56, MQM-P के 7, MMA के 14 सांसद हैं. PMLQ का एक सदस्य भी विपक्ष के साथ है. इसी तरह BAP के 4 सदस्य विपक्ष के साथ हैं. इनके अलावा BNPM 4, ANP, JI और JWP के 1-1 और 4 निर्दलीय सांसद भी हैं. कुल मिलाकर विपक्ष के पास 177 वोट हैं.