Pakistan Political Crisis: पाकिस्तान का सियासी संकट बढ़ता ही जा रहा है. प्रधानमंत्री रहे इमरान खान की सिफारिश पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नेशनल असेंबली को भंग कर दिया है. इससे पहले डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने इमरान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. जिस तरह से पहले अविश्वास प्रस्ताव खारिज किया गया और उसके बाद संसद भंग कर दी गई, उसे विपक्ष और जानकार 'असंवैधानिक' बता रहे हैं.
अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने और संसद भंग करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच सुनवाई कर रही है. तीन दिन से इस मामले पर सुनवाई चल रही है और अब तक कोई फैसला या आदेश जारी नहीं किया गया है. हालांकि, सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने इतना जरूर कहा है कि डिप्टी स्पीकर भले ही अनुच्छेद 5 का हवाला दें, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव को खारिज नहीं किया जा सकता है.
दरअसल, अंतरिम प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया था. विपक्ष का दावा था कि उसके पास 195 सांसदों का समर्थन है. अविश्वास प्रस्ताव पर रविवार यानी 3 अप्रैल को वोटिंग होनी थी, लेकिन इससे पहले ही डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने इसे 'विदेशी साजिश' बताते हुए खारिज कर दिया. उन्होंने इसके लिए अनुच्छेद 5 का हवाला दिया. पाकिस्तान के संविधान का अनुच्छेद 5 कहता है कि राज्य के प्रति वफादारी हर नागरिक का मूल कर्तव्य है.
अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने और उसके बाद संसद भंग होने के बाद नया सियासी संकट खड़ा हो गया है. विपक्ष ने इसे असंवैधानिक बताया है. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ का कहना है कि खुलेआम संविधान की धज्जियां उड़ाने पर इमरान खान और उनके समर्थकों पर अनुच्छेद 6 का इस्तेमाल करना चाहिए. अनुच्छेद 6 देशद्रोह के बारे में हैं. शहबाज शरीफ ने ये भी कहा था कि 3 नवंबर 2007 को परवेज मुशर्रफ ने भी ऐसा ही असंवैधानिक काम किया था.
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क्या किया था मुशर्रफ ने?
- 12 अक्टूबर 1999 को पाकिस्तानी आर्मी के तब के चीफ परवेज मुशर्रफ ने नवाज शरीफ की सरकार का तख्तापलट कर दिया. मुशर्रफ ने नवाज शरीफ को नजरबंद कर दिया और बाद में जेल में डाल दिया. मुशर्रफ पाकिस्तान के राष्ट्रपति बन गए. मुशर्रफ अगस्त 2008 तक राष्ट्रपति पद पर बने रहे.
- मार्च 2007 में मुशर्रफ ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि वो और 5 साल तक राष्ट्रपति बने रहना चाहते हैं. लेकिन विपक्ष उनके खिलाफ आ गया. मुशर्रफ को राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई.
- 8 सितंबर 2007 को सुप्रीम कोर्ट ने 6-3 से मुशर्रफ को चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी. हालांकि, मुशर्रफ के खिलाफ विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा था. 3 नवंबर 2007 को मुशर्रफ ने पाकिस्तान में इमरजेंसी का ऐलान कर दिया. उन्होंने संविधान को भी निलंबित कर दिया और चीफ जस्टिस को भी बर्खास्त कर दिया.
- एक महीने बाद 15 दिसंबर 2007 को मुशर्रफ ने इमरजेंसी हटा दी. फरवरी 2008 में पाकिस्तान में आम चुनाव हुए. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) सबसे बड़ी पार्टी बनी. सैयद युसुफ रजा गिलानी प्रधानमंत्री बने. नई सरकार ने मुशर्रफ को पद से हटाने के लिए महाभियोग की तैयारी शुरू कर दी. हालांकि, 18 अगस्त 2008 को मुशर्रफ ने खुद ही पद से इस्तीफा दे दिया.
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फिर दर्ज हुआ देशद्रोह का केस, फांसी की सजा हुई
- 2013 के आम चुनाव में जीत के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) सत्ता में आई. नवाज शरीफ प्रधानमंत्री बने. नवाज शरीफ की सरकार ने मुशर्रफ के खिलाफ संविधान की अवहेलना करने पर देशद्रोह का केस दर्ज किया.
- दिसंबर 2007 में मुशर्रफ के खिलाफ केस दर्ज हुआ और 31 मार्च 2014 को उन्हें आरोपी बनाया गया. इसी बीच 18 मार्च 2016 को मुशर्रफ इलाज के लिए दुबई चले गए. तब से लौटकर ही नहीं आए. हालांकि, उनके खिलाफ मुकदमा चलता रहा.
- करीब 7 साल तक चली सुनवाई के बाद 17 दिसंबर 2019 को पेशावर की स्पेशल कोर्ट ने मुशर्रफ को अनुच्छेद 6 के तहत फांसी की सजा सुनाई. कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा था कि अगर मुशर्रफ की मौत पहले हो जाती है तो उनके शव को तीन दिन तक इस्लामाबाद के डी-चौक पर फांसी पर लटकाया जाएगा.
- मुशर्रफ अभी तक दुबई में हैं और उनकी सेहत बेहद खराब है. हाल ही में बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त ने दुबई में मुशर्रफ से मुलाकात की थी. इसकी तस्वीर सामने आई थी. इसमें मुशर्रफ व्हीलचेयर पर बैठे नजर आए थे. मुशर्रफ ने अपनी फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
क्या इमरान का हश्र भी ऐसा ही होगा?
- पाकिस्तान में लोकतंत्र का बहुत अच्छा इतिहास नहीं रहा है. वहां अब तक एक भी प्रधानमंत्री 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है. तीन बार सेना तख्तापलट कर चुकी है.
- पाकिस्तान में अक्सर ऐसा होता है कि नई सरकार बनने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री को सजा मिल जाती है. मुशर्रफ के साथ भी ऐसा ही हुआ और नवाज शरीफ के साथ भी ऐसा ही हुआ था.
- नवाज शरीफ का नाम पनामा पेपर लीक में आ गया था. उनके ऊपर आय से अधिक संपत्ति रखने का इल्जाम था. जुलाई 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दोषी पाया और 10 साल की सजा सुनाई. फिलहाल नवाज शरीफ लंदन में हैं.
- विपक्ष इमरान खान पर असंवैधानिक कदम उठाने का आरोप लगा रहा है. विपक्ष इमरान के खिलाफ अनुच्छेद 6 के तहत कार्रवाई करने की बात कह रहा है. अगर सुप्रीम कोर्ट से विपक्ष को राहत मिलती है और विपक्ष सत्ता में आता है तो हो सकता है कि इमरान के साथ भी वैसा ही हो, जैसा नवाज और मुशर्रफ के साथ हुआ.