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अब जनरल बाजवा से 'जीवनदान' की उम्मीद, कुर्सी बचाने के लिए 'सौदेबाजी' पर उतरे इमरान खान?

Pakistan Political Crisis: पाकिस्तान में जारी सियासी उठापटक के बीच आर्मी चीफ जनरल बाजवा और ISI प्रमुख नदीम अंजुम ने प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की. तीनों के बीच करीब तीन घंटे तक ये मुलाकात हुई.

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इमरान खान और जनरल कमर जावेद बाजवा. (फाइल फोटो-AP/PTI)
इमरान खान और जनरल कमर जावेद बाजवा. (फाइल फोटो-AP/PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बाजवा ने इमरान से 3 घंटे मुलाकात की
  • मुलाकात के बाद इमरान ने संबोधन टाला
  • मंत्री बोले, इमरान से इस्तीफा नहीं मांगा

Pakistan Political Crisis: पाकिस्तान एक बार फिर अपना सियासी इतिहास दोहराता दिख रहा है. प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की कुर्सी खतरे में है. विपक्ष का दावा है कि इमरान बहुमत खो चुके हैं और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. वहीं, इमरान का कहना है कि वो अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा करेंगे.

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पाकिस्तान के इतिहास में आज तक कोई भी प्रधानमंत्री अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है. अब ऐसा ही इमरान खान के साथ भी होता दिख रहा है. 

पाकिस्तान में जारी राजनीतिक संकट के बीच बुधवार रात आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा (General Qamar Javed Bajwa) और खुफिया एजेंसी ISI के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम (Nadeem Anjum) इमरान खान से मिलने पहुंचे. अब तक ऐसा कहा जा रहा था कि आर्मी चीफ बाजवा ने ही इमरान को इस्तीफा देने के लिए कह दिया था, लेकिन इमरान के मंत्री का दावा है कि उन्हें किसी ने इस्तीफा देने को नहीं कहा.

इस मीटिंग के बाद इमरान के मंत्री फवाद चौधरी ने बताया, 'इस मुलाकात में किसी ने न तो वजीर-ए-आजम (इमरान) से इस्तीफा मांगा और न ही वो इस्तीफा देंगे. आखिरी बॉल तक गेम जाएगा. इस वक्त जो हालात हैं वो 92 के वर्ल्ड कप जैसे हैं. लग रहा है कि हम पीछे हैं, मगर हम पीछे नहीं हैं. जब गेम पलटेगी तो सारे देखेंगे.'

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बाजवा से मुलाकात से पहले इमरान खान देश को संबोधित करने वाले थे, लेकिन आर्मी चीफ से मुलाकात के बाद उन्होंने इस संबोधन को टाल दिया. माना जाता है कि पाकिस्तान में सत्ता की चाभी उसी के पास होगी, जिसके पास आर्मी का साथ होगा. अब इमरान को भी इसी 'साथ' की जरूरत है. इमरान को उम्मीद है कि बाजवा उन्हें 'जीवनदान' दे सकते हैं.

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कैसे हैं इमरान-बाजवा के रिश्ते?

- नवंबर 2019 में इमरान खान ने आर्मी चीफ जनरल बाजवा का कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ा दिया था. बाजवा इसी साल 28 नवंबर को रिटायर होंगे.

- अक्टूबर 2021 में वो समय आया जब ISI चीफ के ट्रांसफर को लेकर बाजवा और इमरान के रिश्तों में तल्खी आ गई.

- इसी साल इमरान सरकार ने सेना पर विपक्ष से डील का आरोप लगाया. इससे इमरान सरकार और बाजवा के रिश्ते बिगड़ गए.

- राजनीतिक उठापठक पर पाकिस्तानी आर्मी ने न्यूट्रल रहने की बात कही. 10 मार्च को इमरान खान ने इस पर नाराजगी जताई.

- 20 मार्च को इमरान खान ने भारतीय सेना की तारीफ की. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना कभी चुनी हुई सरकार में दखल नहीं देती. 

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क्या बाजवा से मिलेगा इमरान को 'जीवनदान'?

- इमरान खान को अब आर्मी चीफ जनरल बाजवा से जीवनदान मिलने की उम्मीद है. बाजवा को इमरान खान का करीबी माना जाता है और यही वजह है कि इमरान ने उनका कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ा दिया था.

- बाजवा 29 नवंबर 2019 को आर्मी चीफ के पद से रिटायर होने वाले थे, लेकिन इमरान सरकार ने उनका कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ा दिया था, जबकि इसका पाकिस्तान के संविधान में कोई प्रावधान नहीं था.

- इमरान के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. कोर्ट ने सरकार को कानून बनाने को कहा. इसके बाद इमरान सरकार ने कानून के जरिए आर्मी चीफ की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाकर 64 साल कर दी. 

- जनरल बाजवा इस समय 61 साल के हैं. इसी साल 28 नवंबर को उनको रिटायर होना है, लेकिन अब आर्मी चीफ की रिटायरमेंट की उम्र 64 साल है. यानी अगर इमरान चाहें तो उनका कार्यकाल तीन साल के लिए और बढ़ा सकते हैं.

क्या कोई सौदेबाजी होगी?

इमरान खान और आर्मी चीफ बाजवा के रिश्तों में भले ही थोड़ी कड़वड़ाहट आ गई हो, लेकिन अब भी दोनों को एक-दूसरे के साथ की जरूरत है. इसी महीने जब इमरान से बाजवा के कार्यकाल बढ़ाने को लेकर सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा था कि अभी तो साल शुरू हुआ है और नवंबर काफी दूर है. इमरान ने उस समय साफ नहीं किया था कि वो कार्यकाल बढ़ाने जा रहे हैं या नहीं. अब अगर इमरान की सरकार बचती है तो बाजवा को तीन साल का कार्यकाल और मिलने की उम्मीद है.

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