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'नया पाकिस्तान' बनाने वाले इमरान खान की कुर्सी खतरे में कैसे आई? जानें क्रिकेटर से देश की सत्ता तक का सफर

Pakistan Imran Khan: पाकिस्तान में राजनीतिक संकट गहरा गया है. प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी खतरे में आ गई है. विपक्ष उनके खिलाफ एकजुट हो गया है और दावा कर रहा है कि इमरान ज्यादा समय तक प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे.

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इमरान खान पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री हैं. (फाइल फोटो-AP/PTI)
इमरान खान पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री हैं. (फाइल फोटो-AP/PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री हैं इमरान
  • अगस्त 2018 में प्रधानमंत्री चुने गए थे
  • इमरान के खिलाफ पाकिस्तान की सेना भी

Pakistan Imran Khan: 'नया पाकिस्तान' का वादा कर सत्ता में आए इमरान खान की कुर्सी खतरे में है. विपक्ष उनके खिलाफ एकजुट हो गया है और उन्हें कुर्सी से हटाना चाहता है. पाकिस्तान की संसद नेशनल असेंबली में इमरान के खिलाफ विपक्षी सांसद अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं. विपक्ष दावा कर रहा है कि इमरान खान अब ज्यादा लंबे समय तक प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे. 

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पाकिस्तान के अब तक के इतिहास में ये पहली बार नहीं है जब किसी प्रधानमंत्री की कुर्सी खतरे में है. पाकिस्तान का इतिहास बताता है कि वहां अब तक जितने भी प्रधानमंत्री बने हैं, उनमें से एक भी अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. अब इतिहास एक बार फिर दोहराता हुआ दिख रहा है. इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) में भी बगावत हो गई है और दो दर्जन सांसद अपने ही नेता के खिलाफ हो गए हैं. 

लेकिन ऐसे हालात क्यों?

- 2018 में जब पाकिस्तान में आम चुनाव हो रहे थे, तब क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान 'नया पाकिस्तान' बनाने का वादा लेकर आए. उन्होंने युवाओं को एकजुट किया और वादा किया कि वो एक ऐसा पाकिस्तान बनाना चाहते हैं जिसके साथ कमजोर से कमजोर देश भी खड़ा हो सके. 

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- लेकिन बदलाव लाने की बात करने वाले इमरान खान पाकिस्तान को विकास के रास्ते पर नहीं ले जा सके. इमरान के रहते पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह बिगड़ती गई. यहां के लोगों ने वो दिन भी देखे हैं जब महंगाई चरम पर थी और लोगों के लिए बुनियादी जरूरतों की चीजें खरीदना भी मुश्किल हो रहा था. 

- इतना ही नहीं, इमरान के कार्यकाल में पाकिस्तान दुनियाभर में अलग-थलग भी पड़ गया. इमरान अपने अब तक के कार्यकाल में कश्मीर, कर्ज और चीन में ही फंसे रहे. इमरान कश्मीर का मुद्दा उठाते रहे, लेकिन हर बार उन्हें मुंह की खानी पड़ी. आर्थिक संकट से निकालने के लिए कर्ज लिया लेकिन उसने और हालात बिगाड़ दिए. चीन से मजबूत रिश्तों ने पाकिस्तान को अलग-थलग सा कर दिया. 

- इसके अलावा सबसे बड़ी बात ये है कि इमरान अब सेना के चहेते भी नहीं रहे. पाकिस्तान में सत्ता चलाने के लिए सेना का समर्थन जरूरी है, जो इमरान खो चुके हैं. दरअसल, इमरान अपने करीबी लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद को सेना की कमान सौंपना चाहते हैं, लेकिन पाकिस्तान के मौजूदा सैन्य अधिकारी इससे नाराज थे. 

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22 साल लग गए थे इमरान को सत्ता में आने में

- इमरान खान की गिनती एक बेहतरीन खिलाड़ी के रूप में होती है. 1992 का वर्ल्ड कप इसका अहम सबूत है. तब इमरान खान ने पाकिस्तान को वर्ल्ड कप जिताने की ठानी और जिताकर ही दम लिया. 

- इमरान जब क्रिकेटर थे, तब भी उनके पास राजनीति में आने का ऑफर आया. 1987 में पाकिस्तान के तब के पीएम मोहम्मद जिया-उल-हक ने अपनी पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया, जिसे उन्होंने खारिज कर दिया. बाद में नवाज शरीफ की पार्टी PML-N ने भी इमरान को अपने साथ जोड़ने की कोशिश की.

- 25 अप्रैल 1996 को इमरान ने अपनी राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की स्थापना की. उन्होंने 1997 में दो सीटों से चुनाव लड़ा और दोनों ही जगह से नवाज की पार्टी के उम्मीदवार से हार गए. 

- 2002 में फिर से इमरान ने आम चुनाव लड़ा. उन्हें उम्मीद थी कि इस बार उनकी पार्टी सत्ता में आ जाएगी. इस बार इमरान तो जीत गए लेकिन उनकी पार्टी बहुमत से काफी दूर रही. अक्टूबर 2007 में परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान में इमरजेंसी का ऐलान कर दिया और इमरान को नजरबंद कर लिया गया.

- अक्टूबर 2011 में लाहौर में इमरान ने 1 लाख से ज्यादा समर्थकों को संबोधित किया. मार्च 2013 में इमरान 'नया पाकिस्तान' बनाने का नारा लेकर आए. इस चुनाव में पीटीआई तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. 

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5 सीटों पर चुनाव लड़ा, सभी पर जीते

- कभी इमरान खान के लिए एक सीट भी जीतना मुश्किल था, लेकिन 2018 में इमरान ने पांच सीटों पर चुनाव लड़ा और सभी में जीत दर्ज की. 

- 2018 के आम चुनाव में इमरान ने बन्नू, इस्लामाबाद, मियांवली, लाहौर-IX और कराची ईस्ट से चुनाव जीता. पाकिस्तान की राजनीति में ये पहली बार था जब कोई नेता पांच जगह से लड़ा और पांचों जगह से जीता.

- इस चुनाव में इमरान की पार्टी की जीत हुई. भारत के उलट पाकिस्तान में सदन में पहले बहुमत पास करना होता है. इमरान ने सदन में 176 वोट हासिल किए. जबकि, जादुई आंकड़ा 173 का है. 

- हालांकि, अब इमरान की कुर्सी संकट में आ गई है. इमरान की पार्टी के पास सदन में 155 सीटें हैं. उसके पास सहयोगी दलों की 23 सीटें भी हैं. इस हिसाब से इमरान आसानी से अविश्वास प्रस्ताव को गिरा सकते हैं. लेकिन दिक्कत ये है कि इमरान की पार्टी PTI के ही 24 सांसद बागी हो गए हैं. 

- अब इमरान के पास दो रास्ते बचते हैं. पहला तो ये कि सुप्रीम कोर्ट बागी सांसदों को अयोग्य करार दे दे, ताकि अविश्वास प्रस्ताव पर उनके वोट न गिने जाएं. हालांकि, इसमें कई सारे पेंच हैं. दूसरा रास्ता ये है कि इमरान संसद को भंग कर दें और दोबारा चुनाव करवाएं.

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क्रिकेटर से प्रधानमंत्री की कुर्सी तक का सफर

- इमरान खान का जन्म 5 अक्टूबर 1952 में लाहौर के एक पश्तून परिवार में हुआ था. 1975 में उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया. 1971 में 18 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट करियर शुरू हुआ.

- इमरान ने पहला टेस्ट मैच इंग्लैंड के खिलाफ खेला था. इसमें उन्होंने कुछ खास कमाल नहीं किया था. इमरान सिर्फ 5 रन बना सके थे और बॉलिंग में एक भी विकेट ले पाने में नाकाम रहे थे.

- 1982 में इमरान को क्रिकेट टीम की कप्तानी सौंप दी गई. उनकी कप्तानी में पाकिस्तान ने 48 टेस्ट मैच खेले, जिसमें से 14 जीते और 8 हारे. 139 वनडे मैच खेले जिसमें पाकिस्तान को 77 में जीत और 57 में हार मिली. 

- 1992 में पाकिस्तान ने इमरान की कप्तानी में ही पहला वर्ल्ड कप जीता. फाइनल मैच में पाकिस्तान ने इंग्लैंड को 23 रन से हरा दिया था. पाकिस्तान ने 249 रन बनाए थे, जिसमें से 77 रन इमरान खान ने बनाए थे. इसके बाद उन्होंने क्रिकेट से संन्यास ले लिया.

- क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद इमरान राजनीति में आ गए. उन्होंने 1996 में अपनी राजनीतिक पार्टी PTI की स्थापना की. 1997 में पहला चुनाव हार गए. 2013 में PTI तीसरे नंबर की पार्टी बनी. 2018 में PTI सबसे बड़ी पार्टी बनी और इमरान खान पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री चुने गए. 

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-  इमरान खान ने तीन शादियां की हैं. उन्होंने पहली शादी 1995 में जेमिमा गोल्डस्मिथ से की. उनसे उनका 2004 में तलाक हो गया. 2014 में उन्होंने रेहम खान से शादी की. ये शादी एक साल भी नहीं टिकी. 2018 में इमरान ने बुशरा बीबी से शादी की.

 

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