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PAK: जानिए कौन हैं शहबाज शरीफ, जिन्हें इमरान सरकार गिरने की स्थिति में बताया जा रहा PM पद का दावेदार

Pakistan Political Crisis: पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी पर खतरा बढ़ गया है. विपक्षी पार्टियों के अविश्वास प्रस्ताव पर 25 मार्च को वोटिंग होनी है. इसी बीच नवाज शरीफ की पार्टी PML-N की ओर से शहबाज शरीफ का नाम अगले प्रधानमंत्री के रूप में बढ़ाया गया है.

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पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता हैं शहबाज शरीफ. (फाइल फोटो)
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता हैं शहबाज शरीफ. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तीन बार पंजाब के सीएम रहे हैं शहबाज शरीफ पूर्व
  • पीएम नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं शहबाज
  • 2018 के चुनाव में भी पीएम पद के उम्मीदवार थे

Pakistan Political Crisis: पाकिस्तान में फिर से राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है. विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. विपक्षी सांसदों ने पाकिस्तानी संसद नेशनल असेंबली में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) पेश किया है, जिस पर 25 मार्च को वोटिंग हो सकती है. विपक्षी नेताओं का दावा है कि इमरान खान बहुमत खो चुके हैं और अब उनके हाथ में कुछ बचा नहीं है. विपक्षी दावा कर रहे हैं कि इमरान खान अब ज्यादा दिनों तक प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे.

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इमरान खान की कुर्सी अगर जाती है तो उनकी जगह शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री बन सकते हैं. शहबाज शरीफ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के सांसद हैं और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) के छोटे भाई हैं. 

PML-N की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज (Maryam Nawaz) ने कहा कि इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास होता है तो उनकी पार्टी की ओर से शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे. 

शहबाज शरीफ 13 अगस्त 2018 से नेशनल असेंबली के सदस्य हैं और विपक्ष के नेता हैं. इससे पहले शहबाज शरीफ तीन बार पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रह चुके थे. वो सबसे ज्यादा लंबे समय तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहने वाले नेता हैं. फिलहाल शरीफ PML-N के अध्यक्ष हैं.

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अमृतसर से लाहौर आ गया था परिवार

शहबाज शरीफ का जन्म 23 सितंबर 1951 को लाहौर में हुआ था. उनके पिता मुहम्मद शरीफ एक कारोबारी थे. वो अक्सर कारोबार के सिलसिले में कश्मीर के अनंतनाग आया-जाया करते थे. बाद में उनका परिवार अमृतसर में बस गया. 

1947 में जब भारत का बंटवारा हुआ और पाकिस्तान बना तो मुहम्मद शरीफ अपने परिवार के साथ लाहौर में आकर बस गए. शहबाज शरीफ की मां पुलवामा की रहने वाली थीं. लाहौर की एक सरकारी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद शहबाज ने अपना फैमिली बिजनेस संभाल लिया. 

शहबाज के दो बड़े भाई अब्बास शरीफ और नवाज शरीफ हैं. नवाज शरीफ तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. 1973 में शहबाज ने अपनी कजिन से शादी कर ली. दोनों के चार बच्चे हैं. 2003 में शहबाज ने दूसरी शादी की. माना जाता है कि शहबाज अपने भाई नवाज से ज्यादा अमीर हैं. 

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ऐसे शुरू हुआ राजनीतिक करियर

शहबाज शरीफ की राजनीति में एंट्री 80 के दशक में हुई. 1988 में उन्होंने पहला चुनाव जीता. उन्होंने पंजाब प्रांत लाहौर विधानसभा से चुनाव जीता. हालांकि, 1990 में विधानसभा भंग हो गई. 1990 में उन्होंने फिर पंजाब प्रांत से चुनाव जीता. इसी साल उन्होंने नेशनल असेंबली का चुनाव भी जीत लिया. दोनों जीत के बाद उन्होंने नेशनल असेंबली को चुना. 1993 में नेशनल असेंबली भी भंग हो गई और उनकी सदस्यता चली गई. 1993 में उन्होंने फिर लाहौर विधानसभा और नेशनल असेंबली का चुनाव जीत लिया. इस बार उन्होंने नेशनल असेंबली की सीट छोड़ दी. 

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तीन बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे

1997 में उन्होंने फिर से पंजाब प्रांत का चुनाव लड़ा. इस बार उन्होंने PML-N की टिकट पर चुनाव लड़ा. फरवरी 1997 में शहबाज शरीफ पहली बार पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री बने. 1999 में पाकिस्तान में सेना ने तख्तापलट कर दिया. शहबाज शरीफ की मुख्यमंत्री की कुर्सी भी चली गई. उन्हें और उनके परिवार को देश छोड़कर दुबई जाना पड़ गया. 2007 में शहबाज शरीफ और उनका परिवार फिर पाकिस्तान लौट आया. जून 2008 में शहबाज फिर से पंजाब के मुख्यमंत्री बन गए. 2013 के चुनाव में शहबाज तीसरी बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने.

2018 में भी पीएम पद के दावेदार थे

2018 में पाकिस्तान में आम चुनाव हुए. इस चुनाव में PML-N ने शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया. हालांकि, इस चुनाव में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी की जीत हुई. शहबाज शरीफ विपक्ष के नेता चुने गए. 

सितंबर 2020 में शहबाज शरीफ को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार कर लिया गया. उनके ऊपर करोड़ों रुपये की हेराफेरी करने का आरोप था. अप्रैल 2021 में उन्हें लाहौर हाईकोर्ट से जमानत मिली. शहबाज शरीफ पर अभी भी ये केस चल रहा है.

 

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