पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे की अटकलों के बीच पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने इस्तीफा दे दिया है. राज्य के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फारूख हबीब ने ट्वीट कर इस बात की पुष्टी की है. उस्मान के इस्तीफे के बाद पंजाब विधानसभा के वर्तमान स्पीकर परवेज इलाही (Pervez Elahi) को पंजाब का नया मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. प्रधानमंत्री इमरान खान ने चौधरी परवेज इलाही को पंजाब का नया मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है.
फारूक ने ट्विटर पर एक फोटो शेयर की है, जिसमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग (Q) के सदस्यों का एक दल प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात कर रहा है. फारूक ने फोटो के साथ लिखा है कि PML-Q ने पीएम इमरान के साथ अपने सभी मतभेद दूर कर लिए हैं. अब पार्टी अविश्वास प्रस्ताव के दौरान होने वाली वोटिंग में इमरान खान को समर्थन देगी. बता दें कि PML-Q उन 3 पार्टियों में शामिल थी, जो अविश्वास प्रस्ताव लाकर इमरान खान की कुर्सी गिराने की कोशिश में लगी हैं.
इमरान ने इस्लामाबाद में की थी रैली
बता दें कि एक दिन पहले रविवार को इमरान खान तहरीक-ए इंसाफ पार्टी के लिए जनता का समर्थन जुटाने इस्लामाबाद में एक विशाल रैली की थी. इस रैली में इमरान खान ने बिना किसी देश का नाम लिए आरोप लगाया था कि बाहरी ताकतें उनकी सरकार को हटाने, देश और उसकी अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की साजिश रच रही हैं. इमरान खान ने रैली के दौरान अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया और पैगंबर मुहम्मद की शिक्षाओं का उदाहरण भी दिया था. इमरान खान ने रैली के दौरान कहा था, 'पाकिस्तान में सरकार बदलने की कोशिश में विदेशी धन का इस्तेमाल किया जा रहा है. हमारे लोगों का इस्तेमाल किया जा रहा है. कुछ लोग हमारे खिलाफ विदेशी पैसे का इस्तेमाल कर रहे हैं. हमें पता है कि किन-किन जगहों से, बाहर से हम पर दबाव डालने को कोशिश की जा रही है.
342 सदस्य वाली असेंबली, ऐसे PM बने इमरान
पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य हैं. बहुमत का आंकड़ा 172 है. पीटीआई के नेतृत्व वाला गठबंधन 179 सदस्यों के समर्थन से बनाया गया था, जिसमें इमरान खान की पीटीआई में 155 सदस्य और चार प्रमुख सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद, बलूचिस्तान अवामी पार्टी और ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस सदस्य हैं. बताया जा रहा है कि चार सहयोगियों में से तीन- एमक्यूएम-पी, पीएमएल-क्यू (अब मुकर गई) और बीएपी ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन दिया था.
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