पाकिस्तान में नई सरकार के गठन के बाद भी सियासी ड्रामा खत्म होता नजर नहीं आ रहा है. शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने के बाद अब मंत्रालय के बंटवारे को लेकर भी मंथन चल रहा है. ऐसी खबरें भी हैं कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी को विदेश मंत्री बनाया जा सकता है. हालांकि, इससे पहले ही PPP में दोफाड़ हो गया है. पार्टी का एक धड़ा शहबाज शरीफ की सरकार में बिलावल भुट्टो को विदेश मंत्री बनते नहीं देखना चाहता. तो दूसरा धड़ा चाहता है कि शहबाज विदेश मंत्रालय संभालें.
पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक, बिलावल भुट्टो को विदेश मंत्री बनाए जाने की अटकलों पर पार्टी में दो धड़े हो गए हैं. एक धड़ा चाहता है कि बिलावल भुट्टो विदेश मंत्रालय संभालें क्योंकि उनके पास अंतरराष्ट्रीय मामलों को संभालने का एक्सपीरियंस भी है. इसके अलावा विदेश मंत्री का पद संभालने के बाद अगर भविष्य में भुट्टो प्रधानमंत्री बनते हैं तो इससे उन्हें फायदा भी होगा.
हालांकि, PPP का एक धड़ा ऐसा भी है जो नहीं चाहता कि भुट्टो विदेश मंत्री तो क्या कोई दूसरा मंत्रालय भी न लें. इस धड़े का मानना है कि शरीफ सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल होने से पार्टी की स्थिति कमजोर होगी. इतना ही नहीं, ये धड़ा ये भी मानता है कि पार्टी कार्यकर्ता अपने अध्यक्ष को PML-N के प्रधानमंत्री के अंडर में काम करते देखना पसंद नहीं कर सकते. चुनावों में बिलावल भुट्टो की पार्टी PML-N के खिलाफ लड़ती रही है.
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पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ सोमवार को पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री बन गए. उनकी सरकार को बिलावल भुट्टो की पार्टी PPP और मौलाना फजलुर्रहमान की जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल(JUI-F) का समर्थन हासिल है. माना जा रहा है कि अगले एक-दो दिन में नई सरकार का गठन हो सकता है. ऐसी अटकलें हैं कि बिलावल भुट्टो को विदेश मंत्रालय दिया जा सकता है.
बिलावल भुट्टो के कैबिनेट में शामिल होने पर पार्टी में दोराय
- विदेश मंत्री बनने के पक्ष मेंः पार्टी के एक सीनियर नेता ने 'डॉन' को बताया है कि उन्होंने बिलावल भुट्टो को विदेश मंत्री बनने की सलाह दी है. पार्टी के नेता का कहना है कि देश में 30 साल से कम उम्र की 64 फीसदी आबादी है और बिलावल यूथ आइकन हैं. इसके अलावा उनकी मां बेनजीर भुट्टो की वजह से बिलावल की दुनिया में अच्छी और साफ छवि भी है. इससे भविष्य में पार्टी को ही फायदा होगा. इसके अलावा भुट्टो के विदेश मंत्री बनने से भविष्य में प्रधानमंत्री पद के लिए उनकी दावेदारी भी मजबूत होगी.
- विदेश मंत्री बनने के खिलाफ मेंः दूसरी ओर पार्टी का दूसरा धड़ा ये कहता है कि बिलावल भुट्टो को शरीफ सरकार की कैबिनेट में शामिल नहीं होना चाहिए. अगर बिलावल कैबिनेट में जाते हैं तो इससे वो पार्टी के कामकाज पर ध्यान नहीं दे पाएंगे, जिससे आने वाले चुनावों में पार्टी को नुकसान हो सकता है. इस धड़े का मानना है कि कैबिनेट की बजाय बिलावल को संवैधानिक पद चुनना चाहिए. स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के इस्तीफे के बाद दो संवैधानिक पद पहले से ही खाली हैं. इतना ही नहीं, विपक्ष सीनेट (ऊपरी सदन) के अध्यक्ष सादिक संजरानी को भी हटाने की तैयारी है, जिसके बाद ये पद PPP के पास आ सकता है.
कुरैशी की भी सलाह, विदेश मंत्री न बनें बिलावल
इमरान सरकार और पिछली PPP सरकार में विदेश मंत्री रहे शाह महमूद कुरैशी ने भी बिलावल भुट्टो को विदेश मंत्री न बनने की सलाह दी है. नेशनल असेंबली में भाषण के दौरान कुरैशी ने कहा था कि बिलावल भुट्टो को शहबाज शरीफ के अंडर में विदेश मंत्रालय नहीं लेना चाहिए, क्योंकि ये PPP के कार्यकर्ताओं को मंजूर नहीं होगा.