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कोड नेम मिस्टर Z, बाजवा के फेवरेट, कौन हैं मेजर जनरल फैजल? जिन्हें इमरान ने बताया अटैक का मास्टरमाइंड

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का आरोप है कि तीन नवंबर को उन पर हुए हमले को लेकर पुलिस एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर रही है. खान का आरोप है कि पुलिस का कहना है कि वह जब तक अपनी शिकायत से मेजर जनरल फैजल नसीर का नाम नहीं हटाएंगे, तब तक उनकी एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी.

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मेजर जनरल फैजल नसीर और इमरान खान
मेजर जनरल फैजल नसीर और इमरान खान

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने लॉन्ग मार्च के दौरान उन पर हुए हमले के लिए जिन लोगों पर आरोप लगाया है. उनमें मेजर जनरल फैजल नसीर भी शामिल हैं. खान ने उन पर हुए हमले के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृहमंत्री राना सनाउल्लाह और मेजर जनरल फैजल नसीर पर आरोप लगाया है. उन्होंने फैजल नसीर को इस हमले का मास्टरमांइड बताया है. 

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पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का आरोप है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृहमंत्री राना सनाउल्लाह और मेजर जनरल फैजल नसीर ठीक उसी तरह उनकी हत्या की साजिश में शामिल थे, जैसे पंजाब के पूर्व गवर्नर सलमान तासीर की 2011 में हत्या कर दी गई थी.

इमरान खान का आरोप है कि उन पर हुए हमले को लेकर पुलिस एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर रही है. खान का आरोप है कि पुलिस का कहना है कि वह जब तक अपनी शिकायत से फैजल नसीर का नाम नहीं हटाएंगे, तब तक उनकी एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी.

खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से फैजल के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. हालांकि, सेना ने खान के आरोपों से इनकार कर दिया है. 

कौन हैं फैजल नसीर?

पाकिस्तान में फैजल नसीर के बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है. फैजल नसीर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के डायरेक्टर जनरल काउंटर इंटेलिजेंस (डीजीसीआई) हैं. उन्हें आमतौर पर डीजी सी कहा जाता है. उन पर देश की घरेलू सुरक्षा की जिम्मेदारी है. उन्होंने अगस्त में ही यह पद संभाला है. 

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मेजल जनरल फैजल नसीर को 'डर्टी हैरी' और 'मिस्टर जेड' के नाम से भी जाना जाता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि सेना प्रमुख के पद पर बाजवा के रहते हुए फैजल नसीर को कटघरे में खड़ा करना मुश्किल है. बहुत कम लोगों को जानकारी है कि फैजल को इस पद पर लाने और उनके प्रमोशन में इमरान खान ने बड़ी भूमिका रही है.

मूल रूप से रावलपिंडी के रहने वाले फैजल नसीर 1992 में कमीशन हुए थे. इससे पहले वह पाकिस्तान मिलिट्री अकेडमी के कोर्स 85 में भी थे. फैजल नसीर की तैनाती कराची, बलूचिस्तान और कबाइली इलाकों में तैनाती हो है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था कि एक इंटेलिजेंस अधिकारी को डीजीसी बनाया गया है. इससे पहले यह जिम्मेदारी सेना के वरिष्ठ अधिकारियों को दी जाती रही है. 

फैजल पाकिस्तान की कॉर्प्स ऑफ मिलिट्री इंटेलिजेंस (सीएमआई) से भी जुड़े रहे हैं. वह हमेशा से ही इंटेलिजेंस में रहे हैं और इस क्षेत्र में उनका व्यापक अनुभव है. उन्होंने बलूचिस्तान में आतंक के खिलाफ कई ऑपरेशंस में अहम भूमिका निभाई है, इस वजह से उन्हें सुपर स्पाई के नाम से भी जाना जाता है. हालांकि, बलूचिस्तान में हुए ये ऑपरेशंस हमेशा से सवालों के घेरे में रहे हैं. 

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सेना प्रमुख बाजवा की आंखों का तारा हैं फैजल नसीर

पाकिस्तान में यह किसी से छिपा नहीं है कि मेजर जनरल फैजल नसीर सेना प्रमुख बाजवा के भरोसेमंद लोगों में से एक हैं. कुछ लोग तो उन्हें बाजवा की आंखों का तारा भी कहते हैं. पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार एजाज सईद कहते हैं कि जब लेफ्टिनेंट जनरल फैज डीजीसी थे, उस समय नसीर कराची में मिलिट्री इंटेलिजेंस के कमांडर थे. 

इमरान खान ने पाकिस्तानी सेना पर उठाए सवाल

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को पाकिस्तानी सेना के लॉजिक पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि यह काफी चौंकाने वाला है कि यह मानना कि उनकी हत्या की साजिश में शामिल सैन्य अधिकारी की आलोचना करना सेना को बदनाम करने के समान है.

दरअसल पाकिस्तानी सेना ने खान के उन आरोपों को आधारहीन और गैरजिम्मेदाराना बताकर खारिज कर दिया था कि उनके एक वरिष्ठ अधिकारी इमरान खान की हत्या की साजिश रचने में शामिल थे.

सेना ने जारी बयान में कहा कि आज सेना और उनके अधिकारियों पर लगाए गए आधारहीन आरोप खेदजनक हैं और इनकी कड़े शब्दों में निंदा की जाती है. 

बयान में कहा गया, किसी को भी सेना और उसके अधिकारियों को बदनाम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसे ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान सरकार से आग्रह किया जाता है कि वह इस मामले जांच करें और सेना और उसके अधिकारियों को बदनाम करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें. 

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सेना के इस बयान पर इमरान खान ने कहा कि यह अचंभित है कि सेना ने यह बयान इसलिए दिया क्योंकि उनके एक अधिकारी पर आरोप लगाया गया. 

उन्होंने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि सेना की मीडिया विंग के प्रवक्ता ने कहा है कि सेना अधिकारी की आलोचना करना पाकिस्तानी सेना को बदनाम करने के समान है. 

बता दें कि इमरान खान 3 नवंबर को पाकिस्तान के गुजरांवाला के अल्लाहवाला चौक पर आजादी मार्च निकाल रहे थे. इस दौरान जब उनका कारवां इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहा था, तभी हमलावर ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. जिसमें इमरान खान समेत कई लोग घायल हो गए. इसमें एक शख्स की मौत भी हो गई. घायल लोगों को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद से इमरान लगातार पाकिस्तान सरकार पर निशाना साध रहे हैं. 

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