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PAK: 'प्रेसिडेंशियल इम्युनिटी' पाकर करप्शन केस से बच गए जरदारी, सरकारी खजाने से डकार गए थे 3.7 अरब

इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत के जज नासिर जावेद राणा ने पार्क लेन मामले की सुनवाई की अध्यक्षता की. यह मामला 2008 से 2013 के दौरान का है. उस समय जरदारी मुल्क के राष्ट्रपति थे और उन्होंने इस पद पर रहते हुए अपनी फ्रंट कंपनी को ऋण दिलाने के लिए सरकारी अधिकारियों को प्रभावित करने की कोशिश की थी. 

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Asif Ali Zardari is set to be elected as the 14th president of Pakistan. (AP Photo)
Asif Ali Zardari is set to be elected as the 14th president of Pakistan. (AP Photo)

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को भ्रष्टाचार के एक मामले में मुकदमे से छूट मिल गई है. जरदारी के वकीलों ने अपील की थी कि चूंकि उनके मुवक्किल अब राष्ट्रपति हैं, ऐसे में उन्हें इस मामले से छूट मिलनी चाहिए. 

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जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के इस मामले को 'पार्क लेन रेफरेंस' के तौर पर जाना जाता है. आरोप है कि उन्होंने अपनी फ्रंट कंपनियों को लोन दिलाने के लिए अधिकारियों को प्रभावित करने की कोशिश की और बाद में उस पैसे का दुरुपयोग किया. 

इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत के जज नासिर जावेद राणा ने पार्क लेन मामले की सुनवाई की अध्यक्षता की. यह मामला 2008 से 2013 के दौरान का है. उस समय जरदारी मुल्क के राष्ट्रपति थे और उन्होंने इस पद पर रहते हुए अपनी फ्रंट कंपनी को ऋण दिलाने के लिए सरकारी अधिकारियों को प्रभावित करने की कोशिश की थी. 

इस सुनवाई के दौरान जरदारी के वकीलों ने तर्क दिया कि राष्ट्रपति बनने के बाद उनके मुवक्किल पर अदालती मामलों पर केस नहीं चलाया जाना चाहिए. फर्जी अकाउंट और लेनदेन सहित 2015 के मामले की जांच के लिए जरदारी, उनकी बहनों और अन्य की जांच की जा रही है. 

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1.5 अरब रुपये के लोन के गबन का है आरोप

 ये मामला राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के उस दावे पर आधारित है, जिसमें कहा गया था कि जरदारी को अपनी एक कंपनी पार्थेनन प्रा. लिमिटेड के लिए 1.5 अरब रुपये का लोन मिला था. लेकिन बाद में उन्होंने इस धनराशि को फर्जी बैंक खातों के जरिए अपने निजी इस्तेमाल के लिए ट्रांसफर कर दिया. ऐसा कर एनएबी ने जरदारी पर राष्ट्रीय खजाने में 3.77 अरब रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है. 

कोर्ट द्वारा ये पूछे जाने पर कि क्या सह आरोपियों के खिलाफ केस चलाया जा सकता है, इस पर वकीलों ने कहा कि बाकी के आरोपियों पर केस चलाया जा सकता है. मामले की सुनवाई 17 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी गई. 

बता दें कि जरदारी को नौ मार्च को ही राष्ट्रपति बनाया गया था. वह दूसरी बार मुल्क के राष्ट्रपति बने हैं. 

क्या है पार्क लेन रेफरेंस केस?

राष्ट्रपति जरदारी 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे. इस दौरान उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपनी फ्रंट कंपनियों के लिए लोन लिया था लेकिन बाद में फर्जी खातों के जरिए इस पैसे का निजी तौर पर इस्तेमाल किया.

पार्क लेन केस में जरदारी और उनके बेटे बिलावल अली जरदारी पर इस्लामबाद में बेहद कम दरों पर 307 एकड़ की प्रॉपर्टी खरदीने का आरोप है. आरोप है कि जरदारी ने अपने पद का दुरुपयोग कर यह प्रॉपर्टी औने-पौने दाम पर खरीदी थी.

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