पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान ने केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद की पेशकश की है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान संकट की इस घड़ी में भारत के साथ खड़ा है. इमरान खान ने ट्वीट किया, 'पाकिस्तान की जनता की ओर से हम केरल बाढ़ में तबाह हुए लोगों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. हम केरल बाढ़ पीड़ितों की बेहतरी की भी कामना करते हैं. हम इस परिस्थिति में हर जरूरी मानवीय सहायता करने के लिए तैयार हैं.'
बता दें कि केरल में विनाशकारी बाढ़ में अब तक 373 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लाख लोग बेघर हो गए हैं. सूबे के 3,314 राहत शिविरों में करीब 12.10 लाख लोगों को रखा गया है. केंद्र सरकार के अलावा कई राज्य भी केरल को पूरी मदद दे रहे हैं. इसके अतिरिक्त सांसद, विधायक, मंत्री, न्यायाधीश, एक्टर, आम नागरिक और कई स्वयंसेवी संगठन भी केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे हैं. पूरे हिंदुस्तान से केरल बाढ़ पीड़ितों के लिए खाद्य सामग्री और पैसे भेजे जा रहे हैं.
केरल में यह सदी की सबसे बड़ी आपदा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह खुद केरल के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर चुके हैं. इस संकट की घड़ी में अब पाकिस्तान भी भारत की मदद करने की पेशकश की है. इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात भी केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद की पेशकश कर चुका है, लेकिन भारत ने उसकी पेशकश को विनम्रतापूर्वक अस्वीकार कर दिया है.
वहीं, केरल सरकार ने इस बाढ़ के लिए तमिलनाडु सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. सुप्रीम कोर्ट में केरल सरकार की तरफ से दाखिल हलफनामे में कहा गया कि मुल्लापेरियार बांध में जल का स्तर बढ़ जाने के बाद अचानक पानी छोड़े जाने की वजह से यह बाढ़ आई है.
हलफनामे में कहा गया कि तमिलनाडु सरकार से अनुरोध किया गया कि 139 फीट तक धीरे-धीरे पानी छोड़ा जाए, लोकिन इसके बावजूद तमिलनाडु सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक आश्वासन नहीं मिला. फिर अचानक ही मुल्लापेरियार बांध से पानी छोड़े जाने से केरल सरकार को इडुक्की जलाशय से अधिक पानी छोड़ने के लिये बाध्य होना पड़ा. जो इस बाढ़ का एक प्रमुख कारण है.