खबर है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ एक मुस्लिम संगठन की मांग के चलते बाल विवाह विरोधी कानून को हटाने की तैयारी में हैं. इसके साथ ही पहली पत्नी की इजाजत के बिना दूसरी शादी को अवैध मानने वाले कानून में भी संशोधन किए जाने की चर्चा है. बताया जा रहा है कि पाक प्रधानमंत्री ने इस संबंध में मंजूरी भी दे दी है.
इस फैसले ने पाकिस्तान के कई तबकों को नाराज कर दिया है. खास तौर से सोशल मीडिया, युवा और प्रगतिशील धड़े के लोग इसके विरोध में उतर आए हैं.
बताया जा रहा है कि शरीफ का यह कदम काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (सीआईआई) के उस फतवे के बाद आया है जिसमें उसने बाल विवाह विरोधी कानून को इस्लाम के खिलाफ बताया था और किसी भी उम्र में शादी किए जाने की वकालत की थी. यह फतवा इस्लामाबाद में हुई सीआईआई की 191वीं बैठक में जारी किया गया था.
तब पाक में कानूनी होगी बच्चों की शादी
सीआईआई चेयरमैन मौलाना मुहम्मद खान शीरानी ने शादी संबंधी कानूनों को नाजायज बताया और कहा कि शादी के लिए न्यूनतम उम्र जैसे प्रावधान नहीं होने चाहिए. खबरों के मुताबिक, काउंसिल में कहा गया कि प्यूबर्टी की उम्र में आते ही लड़कियां शादी के लायक हो जाती हैं.
पाकिस्तान में लड़कियों के लिए वयस्क आयु 15 वर्ष है. सोशल मीडिया पर लिख रहे लोगों का मानना है कि इन कानूनों का हटाया जाना पाकिस्तानी समाज को पीछे ही ले जाएगा. सीआईआई के मौलवी बहुत जल्द धार्मिक मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों से मिलने वाले हैं.
इस फतवे से एक दिन पहले ही सीआईआई चेयरमैन ने पहली पत्नी की इजाजत से दूसरी शादी के कानून को भी धार्मिक उसूलों के खिलाफ बताया था. उन्होंने कहा था, 'शरिया (इस्लामी कानून) एक से ज्यादा बीवियां रखने की इजाजत देता है और हम सरकार से कानून में संशोधन की मांग करते हैं.'