पाकिस्तान ने 2007 के समझौता एक्सप्रेस विस्फोट के आरोपी स्वामी असीमानंद की जमानत पर शुक्रवार को भारत के उप उच्चायुक्त को तलब करके अपना विरोध जताया. इस विस्फोट में 42 पाकिस्तानियों सहित 68 लोग मारे गए थे.
पाक ने उप उच्चायुक्त को बुलाकर दर्ज कराया विरोध
विदेश कार्यालय ने बताया कि उप उच्चायुक्त जेपी सिंह ने महानिदेशक (दक्षिण एशिया एवं दक्षेस) से मुलाकात की, जिन्होंने असीमानंद को विशेष अनुमति पर मिली
जमानत का विरोध नहीं करने एनआईए के फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज कराया. कार्यालय ने कहा, पाकिस्तान सरकार आतंकवाद से जुड़े मामलों की कार्यवाही और
निपटारे में अदालत की क्षमता पर सख्त ऐतराज जताती है, खासतौर पर उनके बारे में जो पाकिस्तानी नागरिकों की मौत में संलिप्त हैं. इसने कहा कि पाकिस्तान उम्मीद
करता है कि भारत समझौता एक्सप्रेस पर हुए जघन्य आतंकवाद में संलिप्त रहे सभी लोगों को न्याय के दायरे में लाने के लिए कदम उठाएगा.
समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी 2007 को चार आईईडी रखे गए थे जिसमें 68 लोगों की जान गई थी. यह ट्रेन हफ्ते में दो बार दिल्ली और लाहौर के बीच चलती थी.
दो अन्य मामलों में जेल में है असीमानंद
गृह राज्यमंत्री पार्थीभाई चौधरी ने इस हफ्ते की शुरुआत में लोक सभा को बताया था कि एनआईए ने असीमानंद को मिली सशर्त जमानत का विरोध नहीं करने का फैसला
किया क्योंकि इसने इसमें कोई आधार नहीं पाया. हालांकि, दो अन्य आतंकवादी मामलों के सिलसिले में असीमानंद (78) हरियाणा की जेल में हैं.
NSA बैठक में असीमानंद का मुद्दा उठा सकता है पाक
आतंकवाद से जुड़े मुद्दे पर 23 अगस्त को दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच 23 अगस्त को होने वाली वार्ता से पहले पाकिस्तान ने यह कार्रवाई की है.
यह इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान की योजना समझौता एक्सप्रेस विस्फोट जैसे मुद्दे को इसमें उठाने की है.