धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भारत के बर्ताव को लेकर पाकिस्तान ने फिर निशाना साधा है. गायों के नाम पर हो रही हिंसा के मामले में भारत सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने एक ट्वीट में प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी की बराबरी की है.
ट्वीट में दोनों प्रधानमंत्रियों की तस्वीर के साथ कैप्शन लिखा है-दो देश, दो नेता, दो दिन, दो खबर. ट्वीट में इमरान खान की छवि सेकुलर नेता की पेश करते हुए पेशावर की एक खबर दी गई है. खबर पेशावर के प्राचीन पंज तिरथ धार्मिक स्थल को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने से जुड़ी है. इमरान खान के साथ पेशावर की यह खबर चस्पा की गई है जबकि नरेंद्र मोदी की तस्वीर पर लिखा गया है-भारत में गाय चोरी के शक में युवक की पीट-पीट (मॉब लिंचिंग) कर हत्या.
मॉब लिंचिंग की यह खबर बिहार के अररिया जिले की है जहां 29 दिसंबर को मोहम्मद काबुल (55) नाम के एक शख्स को गाय चोरी के शक में 300 लोगों की भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला था.
ट्वीट में दोनों नेताओं के बीच फर्क भी समझाया गया है और लिखा गया है 'प्रधानमंत्री इमरान खान इंसानियत और अल्पसंख्यक अधिकारों में भरोसा रखते हैं. इसका नमूना है करतारपुर कॉरिडोर जबकि हिंदुस्तानी अल्पसंख्यक धर्म के नाम पर मारे जाते हैं. यही फर्क है जो इमरान खान को प्रिय नेता के तौर पर पेश करता है.'
यह कोई पहला वाकया नहीं है जिसमें पाकिस्तान ने भारत की सेकुलर छवि पर सवाल उठाया है. इससे पहले दिसंबर में भी इमरान खान ने खुलेआम कहा था कि भारत के विपरीत 'नया पाकिस्तान' में अल्पसंख्यकों को बराबर का दर्जा मिलेगा.
وزیراعظم عمران خان انسانیت اور اقلیتوں کو حقوق دینے پر یقین رکھتے ہیں، کرتار پور باڈر کے بعد پنج ٹیراتھ کو قومی ورثہ قرار دینا اس بات کا منہ بولتا ثبوت ہے جبکہ بھارت میں صرف مذہب کے نام پر اقلیتوں کا روز قتل کیا جاتا ہے اور یہی فرق عمران خان کو ایک عظیم لیڈر بناتا ہے۔#PMIK pic.twitter.com/4weVIRhB55
— PTI (@PTIofficial) January 5, 2019
भारत में अभी हाल में फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के बयान को लेकर काफी हंगामा मचा था. शाह ने कहा था कि देश में आलम यह है कि गाय की मौत को पुलिस अधिकारी की हत्या से ज्यादा तवज्जो दी जा रही है. उन्होंने यह भी कहा था कि देश में नफरत और जुल्म का बेखौफ नाच जारी है. शाह की बात का जिक्र करते हुए इमरान खान ने कहा, 'हम मोदी सरकार को दिखाएंगे कि अल्पसंख्यकों के साथ कैसे सुलूक किया जाता है. भारत में भी लोग बोलने लगे हैं कि अल्पसंख्यों को बराबर का दर्जा नहीं दिया जाता.'
हालांकि खान की इस बात को भारत में तीखी आलोचना झेलनी पड़ी. पार्टी लाइन से हटकर लोगों ने उनकी बातों को सिरे से नकारा. केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, सांसद असदुद्दीन ओवैसी, क्रिकेटर मोहम्मद कैफ और यहां तक कि नसीरुद्दीन शाह भी इमरान खान को निशाने पर लेते दिखे. इमरान खान पूर्व में भारत की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी को मुस्लिम विरोधी और पाकिस्तान विरोधी भी बता चुके हैं.