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FATF की ग्रे लिस्ट में बना रहेगा पाकिस्तान, फिर मिली टेरर फंडिग पर लगाम कसने की नसीहत

FATF की ग्रे लिस्ट से निकलने की कोशिशों में लगे पाकिस्तान की उम्मीदों को फिर झटका लगा है. पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने का मामला फिलहाल टल गया है. अब उसे FATF की ग्रे लिस्ट में ही रहना होगा.

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पाकिस्तान के पीएम इमरान खान (File Photo)
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान (File Photo)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पाकिस्तान में मनी लॉन्ड्रिंग पर FATF चिंतित
  • FATF ने पाकिस्तान से एक्शन लेने की अपील की

आतंकवाद के पनाहगार पाकिस्तान को अभी FATF की ग्रे लिस्ट में ही रहना होगा. पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक एफएटीएफ (Financial Action Task Force) ने पाकिस्तान को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग पर लगाम कसने की हिदायत दी है. रिपोर्ट में पाकिस्तान से यह भी कहा गया उसने कुछ पॉइंट्स पर सुधार भी किया है. 

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बता दें कि पाकिस्तान जून 2018 से पेरिस में स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में है. पाकिस्तानी मीडिया हाउस डॉन के मुताबिक FATF ने माना है कि पाकिस्तान मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने में असफल रहा है. वह आतंकियों को फंडिग भी मुहैया कराता है. सबसे पहले FATF ने पाकिस्तान से 2019 तक इस मसले पर एक्शन लेने की अपील की थी. FATF ने पाकिस्तान को आतंकी गतिविधियां रोकने के लिए प्रोत्साहत किया. बता दें कि पाकिस्तान अब तक चीन, तुर्की और मलेशिया जैसे करीबी सहयोगियों की मदद से ब्लैक लिस्ट में शामिल होने से बचता रहा है.

FATF में 39 सदस्य देश

FATF एक गैर-सरकारी संसंथा है. इसकी स्थापना 1989 में मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग  और इंटरनेशल ट्रांजेक्शन में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए की गई थी. FATF में वर्तमान में 39 सदस्य हैं, जिनमें 2 क्षेत्रीय संगठन - यूरोपीय आयोग और खाड़ी सहयोग परिषद शामिल हैं. भारत FATF परामर्श समूह और उसके एशिया प्रशांत समूह का सदस्य है.

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एक दिन पहले ही पेशावर में हुआ ब्लास्ट

एक तरफ पाकिस्तान अपने देश को शांत दिखाकर FATF की ग्रे लिस्ट से निकलने की जुगत में लगा है तो वहीं दूसरी तरफ वहां आतंकी घटनाएं भी जारी हैं. एक दिन पहले ही 4 मार्च को पाकिस्तान के पेशावर में मस्जिद में आत्मघाती हमला हुआ था. इस हमले में 57 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए. ये हमला जुमे की नमाज के दौरान मस्जिद में हुआ था. आतंकी संगठन ISIS ने इसकी जिम्मेदारी ली थी.

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