पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं के विवाह के नियमन का बहुप्रतीक्षित विधेयक 'हिंदू मैरिज बिल 2016' वास्तविकता के करीब पहुंच गया है. सीनेट की एक समिति ने इस ऐतिहासिक मसौदा विधेयक को मंजूरी दे दी है. करीब चार महीने पहले ही इस बिल को नेशनल असेंबली में पारित किया गया था.
हिंदू विवाह विधेयक 2016 संसद के ऊपरी सदन सीनेट में पारित होने के बाद कानून बन जाएगा. मानवाधिकार पर सीनेट की संचालन समिति ने सर्वसम्मति से बहुप्रतीक्षित हिंदू विवाह विधेयक को मंजूरी दी जिससे इसके सीनेट में पेश करने का रास्ता साफ हो गया. मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट के सीनेटर नसरीन जलील के नेतृत्व में सीनेट समिति ने इस विधेयक पर चर्चा के बाद इसे मंजूरी दी.
इस विधेयक को पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं के लिए एक व्यापक और स्वीकार्य पारिवारिक कानून माना जा रहा है. इसके प्रभावी होने के बाद हिंदू समुदाय के सदस्य अपनी शादी को पंजीकृत करा सकेंगे और शादी टूटने के मामलों में अदालत में अपील कर सकेंगे. इसके मुताबिक मुसलमानों कि निकाहनामा की तरह ही हिंदुओं को भी अपने शादी के प्रमाण का दस्तावेज मिलेगा, जिसे 'शादीपरात' कहा जाएगा. विधेयक के मुताबिक तलाकशुदा हिंदुओं को फिर से शादी करने की भी इजाजत मिलेगी.