अमृतसर के जलियांवाला बाग हत्याकांड को लेकर पाकिस्तान ने ब्रिटेन पर हमला बोला है. इमरान खान की कैबिनेट के मंत्री फवाद हुसैन ने कहा है कि ब्रिटेन को अपने करतूतों के लिए मांफी मांगनी चाहिए.
हुसैन ने कहा कि जलियांवाला बाग हत्याकांड और बंगाल के आकाल पर ब्रिटेन को मांफी मांगनी चाहिए. पाकिस्तानी मंत्री फवाद हुसैन ने कहा, 'जलियांवाला नरसंहार कांड और बंगाल के अकाल पर ब्रिटेन की सरकार को भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश से माफी मांगनी चाहिए. हम इस मांग का पूरा समर्थन करते हैं. यह त्रासदी ब्रिटेन के चेहरे पर दाग हैं.'
हुसैन ने अपने ट्वीट में कोहिनूर को वापस लौटाने की भी मांग की. फवाद हुसैन ने कहा, 'कोहिनूर को भी पाकिस्तान के लाहौर स्थित संग्रहालय में वापस करना चाहिए, जहां का वो है.'
Fully endorse the demand that British empire must apologise to the nations of Pakistan, India and Bangladesh on Jallianwala Massacre and Bengal famine .. these tragedies are the scar on the face of Britain, also KohENoor must be returned to Lahore museum where it belongs
— Ch Fawad Hussain (@fawadchaudhry) April 11, 2019
बता दें कि उनके इस ट्वीट से एक दिन पहले यानी बुधवार को ब्रिटेन प्रधानमंत्री टेरेसा मे ने जलियांवाला बाग हत्याकांड की 100वीं बरसी के मौके पर खेद जताया था. उन्होंने इस हत्याकांड को ब्रिटेन की इतिहास में 'शर्मसार करने वाला धब्बा' करार दिया. हालांकि, उन्होंने इस हत्याकांड पर माफी नहीं मांगी थी.
थेरेसा मे ने कहा, '1919 के जलियांवाला बाग नरसंहार की घटना ब्रिटिश भारतीय इतिहास पर शर्मसार करने वाला धब्बा है. जैसा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 1997 में जलियांवाला बाग जाने से पहले कहा था कि यह भारत के साथ हमारे अतीत के इतिहास का दुखद उदाहरण है.'
उन्होंने कहा, 'जो कुछ हुआ और लोगों को वेदना झेलनी पड़ी, उसके लिए हमें गहरा खेद है. मैं खुश हूं कि आज ब्रिटेन-भारत के संबंध साझेदारी, सहयोग, समृद्धि और सुरक्षा के हैं. भारतवंशी समुदाय ब्रिटिश समाज में बहुत योगदान दे रहा है और मुझे विश्वास है कि पूरा सदन चाहेगा कि ब्रिटेन के भारत के साथ संबंध बढ़ते रहें.'
विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने मांग की कि नरसंहार में मारे गए लोग उस घटना के लिए पूरी तरह स्पष्ट माफी के हकदार हैं. जलियांवाला बाग नरसंहार अमृतसर में 1919 में अप्रैल माह में बैसाखी के दिन हुआ था.
ब्रिटेन के खेद जताने और माफी नहीं मांगने के बाद पाकिस्तान ने माफी की मांग कर इस मसले पर अपना रुख साफ कर दिया है.