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अफगानिस्तान में भारत की 'एंट्री' की सलाह पर पाक में चिंता, विशेषज्ञ बोले-क्षेत्रीय असंतुलन बढ़ेगा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह कहते हुए सबको चौंका दिया कि भारत को अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई में उतरना चाहिए. अफगानिस्तान में आतंकी संगठनों से लड़ाई में भारत समेत रूस, तुर्की, इराक और पाकिस्तान को अपनी भूमिका अदा करने की जरूरत है.

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अफगानिस्तान पिछले 2 दशक से आतंकवाद से बुरी तरह से प्रभावित है (फाइल-IANS)
अफगानिस्तान पिछले 2 दशक से आतंकवाद से बुरी तरह से प्रभावित है (फाइल-IANS)

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत समेत कई देशों को अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट (IS) के खिलाफ जंग में और प्रभावकारी भूमिका निभाए जाने की सलाह दिए जाने के बाद पाकिस्तान के लिए चिंता बढ़ गई हैं. पाक के सुरक्षा विशेषज्ञ का कहना है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में अपने हितों की रक्षा करने में सक्षम है और भारत को हमारे हितों को नुकसान पहुंचाने नहीं दिया जाएगा.

अमेरिका के अफगानिस्तान के मामले में भारत से बड़ी भूमिका निभाने की बात कहे जाने पर पाकिस्तान के सुरक्षा विशेषज्ञ कमर चीमा ने नाराजगी जताई और कहा कि पाकिस्तान अपने हितों की रक्षा करने में सक्षम है और इससे क्षेत्रीय असंतुलन बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि इस्लामिक स्टेट के खिलाफ संघर्ष के लिए क्षेत्रीय संतुलन बेहद जरूरी है और इसके लिए सार्क का पुर्नगठन और मजबूत होना आवश्यक है. इसका इस्तेमाल किसी भी देश को अपने हित में नहीं करने दिया जाएगा.

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इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को यह कहते हुए सबको चौंका दिया कि भारत को अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ 'लड़ाई' में उतरना चाहिए. ट्रंप ने कहा कि अफगानिस्तान में आतंकी संगठनों से लड़ाई में भारत समेत रूस, तुर्की, इराक और पाकिस्तान को अपनी भूमिका अदा करने की जरूरत है. हालांकि उन्होंने शिकायती लहजे में कहा कि 7000 मील दूरी से अमेरिका अफगानिस्तान में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन कर रहा है जबकि बाकी देश बिल्कुल भी सहयोग नहीं दे रहे.

राष्ट्रपति ट्रंप अफगानिस्तान में दशकों चले युद्ध से अब अमेरिका को बाहर निकालना चाहते हैं. अमेरिकी फौज सितंबर 2001 से ही अफगानिस्तान में मौजूद रही है और अब करीब 18 साल बीत जाने के बाद अमेरिका दूसरे देशों से योगदान देने की अपील कर रहा है.

ट्रंप ने कहा था कि सिर्फ अमेरिका ही अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है और 19 साल तक संघर्ष करने के बाद अब उसके वहां रूकने का काई इरादा नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि क्या आप कोई अगले 19 साल के लिए वहां रूकना चाहते हैं, मुझे ऐसा नहीं लगता.

ट्रंप ने इसके एक दिन पहले ही संकेत दिया था कि वह अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज की पूरी तरह से वापसी नहीं कराएंगे लेकिन वे वहां पर 'किसी' की मौजूदगी चाहता है ताकि तालिबान फिर से अफगानिस्तान पर अपना नियंत्रण ना कर सके.

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