नेपाल में आई त्रासदी से पूरी दुनिया आहत है. भूकंप से पड़ोसी मुल्क में 5 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई है और हर ओर से राहत व बचाव कार्य जारी है. लेकिन इन सब के बीच पाकिस्तान ने नेपाल को राहत के तौर पर ऐसे पैकेट भेजे हैं, जिसे कोई हाथ लगाने से भी बच रहा है. हरे रंग के इन पैकेट में 'बीफ मसाला' है.
पाकिस्तान की ओर से राहत का यह पैकेज इन मायनों में आंखें तरेरने पर मजबूर करता है कि नेपाल एक हिंदू राष्ट्र था. यही नहीं, अभी भी नेपाल में हिंदू बहुसंख्यक हैं. पड़ोसी देश में गौ हत्या और गोमांस पर कड़ा प्रतिबंध है. ऐसे में पाकिस्तान की यह कारस्तानी दक्षिण एशियाई संगठन (सार्क) के सदस्य देशों के बीच राजनयिक कटुता को बढ़ाने की क्षमता रखता है.
काठमांडू के बीर अस्पताल में भारतीय डॉक्टर के समूह ने बताया कि मंगलवार को पाकिस्तान की ओर से जो राहत सामग्री भेजी गई, उसमें बीफ मसाला के पैकेट हैं. 34 सदस्यीय डॉक्टरों के दल में शामिल डॉ. बलविंदर सिंह ने कहा, 'जब हम खाद्य सामग्री लेने एयरपोर्ट पहुंचे तो हमाने पाया कि इनमें बीफ मसाले के पैकेट भी हैं.'
लोगों ने पैकेट से किया किनारा
डॉ. सिंह ने बताया कि अधिकतर स्थानीय लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन जब उन्हें यह बात समझ आई सभी ने इससे किनारा कर लिया. डॉ. सिंह कहते हैं, 'पाकिस्तान ने नेपाल की धार्मिक भावनाओं का मजाक उड़ाया है.'
हम मुद्दे को आगे ले जाएंगे: नेपाल
नेपाल सरकार के एक अधिकारी ने बताया, 'पैकेट के बारे में प्रधानमंत्री सुशील कोइराला और खुफिया प्रमुख को जानकारी दे दी गई है. हम इस ओर तथ्यों की पुष्टि के लिए एक जांच भी शुरू करने वाले हैं. अगर रिपोर्ट में यह बात स्पष्ट होती है तो हम राजनयिक स्तर पर पाकिस्तान के साथ इस मुद्दे को उठाएंगे. भारत हमारा साथी है इसलिए मामले में डवलपमेंट से भारत को भी अवगत करवाया जाएगा.'
PAK विदेश मंत्रालय को नहीं है जानकारी
दूसरी ओर, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता तसनीम असलम का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. तसनीम ने कहा, 'मुझे इस मामले के बारे में कोई जानकारी नहीं है. मैं ऐसे किसी डिस्पैच के लिए उत्तरदायी भी नहीं हूं. राहत सामग्री राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा भेजा जाता है.'