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पाकिस्तान: शहबाज सरकार की बड़ी मुश्किलें, TTP में शामिल हुआ प्रतिबंधित बलूच संगठन 

टीटीपी में शामिल हुए संगठन को खुरासानी ने बलूच मुक्ति और अलगाववादी समूहों के बीच सबसे प्रभावशाली बताया है. इससे पहले जून में भी टीटीपी की ओर से दावा किया गया था कि असलम बलूच के नेतृत्व में समूह उनके साथ शामिल हो गया है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

पाकिस्तान में शहबाज शरीफ सरकार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. आतंकवादी संगठन तहरीक -ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने शुक्रवार को दावा किया कि बलूचिस्तान के एक प्रतिबंधित संगठन ने उनके साथ हाथ मिला लिया है. संगठन के प्रवक्ता मुहम्मद खुरासानी ने एक बयान में कहा कि बलूचिस्तान के मकरान जिले के अलगाववादी नेता मजार बलूच के नेतृत्व वाला टीटीपी में शामिल हो गया है. 

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टीटीपी में शामिल हुए संगठन को खुरासानी ने बलूच मुक्ति और अलगाववादी समूहों के बीच सबसे प्रभावशाली बताया है. इससे पहले जून में भी टीटीपी की ओर से दावा किया गया था कि असलम बलूच के नेतृत्व में समूह उनके साथ शामिल हो गया है. हालांकि इसके बारे में आतंकी संगठन की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई.  

पाकिस्तान में शरिया के शासन की मांग करने वाले टीटीपी में शामिल होने वाले प्रतिबंधित समूहों की संख्या बढ़कर 22 हो चुकी है. जुलाई, 2020 में अफगान तालिबान की मदद से विद्रोहियों द्वारा एक सुलह प्रक्रिया शुरू की गई थी.  

2007 में हुई थी टीटीपी की स्थापना

पाकिस्तान के टीटीपी की स्थापना 2007 में हुई थी, तब से कई छोटे-छोटे आतंकी संगठन, जिनमें घातक जमातुल अहरार भी शामिल हैं, इसमें शामिल हुए. ये सभी संगठन सुरक्षा बलों के द्वारा कई अभियानों से बचे रहे और बाद में मजबूत हो गए. अफगान तालिबान ने तो अपने देश में सत्ता भी हासिल कर ली है और वहां शरिया का शासन लागू कर दिया है. 

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पाकिस्तान ने अफगान तालिबान के जरिए शुरू की थी बातचीत

पाकिस्तान ने पिछले साल अफगान तालिबान के कार्यालयों के माध्यम से टीटीपी के साथ सुलह की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन इसका कुछ भी नतीजा नहीं निकला. टीटीपी ने नवंबर में युद्धविराम वापस ले लिया और सुरक्षा बलों पर कई हमले किए, जिनमें इस्लामाबाद में आत्मघाती बम विस्फोट भी शामिल है जिसमें एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई. 

 

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