अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के लिए दुनिया भर में बदनाम मुल्क पाकिस्तान उल्टा इस मुद्दे पर भारत को घेरने की कोशिश में लगा रहता है. राजस्थान के करौली में हिंसा और आगजनी की घटना हुई तो पाक की कामचलाऊ सरकार को उसमें भी भारत विरोधी दुष्प्रचार का मौका दिख गया. पाक के विदेश मंत्रालय ने इस हिंसा-आगजनी को मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा बताते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील कर डाली. उसी अंतरराष्ट्रीय समुदाय से जो सिंधी हिंदुओं, पख्तूनों और बलूचों पर सरकारी अत्याचार को लेकर पाकिस्तान को चेताता रहा है.
अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का करौली हिंसा पर बयाना छापा है. बयान में कहा गया है कि भारत में अल्पसंख्यक, विशेष रूप से मुस्लिम, डर में जी रहे हैं. इस मामले में सरकारी मशीनरी की उदासीनता भी उतनी ही चिंताजनक है जो अपने नागरिकों के जीवन और संपत्तियों की रक्षा करने के अपने मूल कर्तव्य में विफल रही है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भाजपा-आरएसएस गठबंधन ने नफरत और बहुसंख्यकवाद के अपने हिंदुत्व एजेंडे के रूप में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को अंजाम दिया है. आज का भारत ऐसे दर्दनाक उदाहरणों से भरा हुआ है. ये भारत में मुसलमानों के खिलाफ मौजूदा शासन की भारी दुश्मनी को दर्शाता है.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कार्रवाई की अपील करते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत में इस्लामोफोबिया के चिंताजनक स्तर पर तत्काल ध्यान देने और अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों के खिलाफ लगातार मानवाधिकार उल्लंघन को रोकने की अपील करता है. पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान करता है कि वो भारतीय अधिकारियों पर दबाव बनाए और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और उनका कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए.'
क्या हुआ करौली में?
राजस्थान के करौली जिले में 2 अप्रैल के दिन नवसंवत्सर के दिन बाइक रैली का आयोजन किया गया. जब ये रैली गलियों से गुजर रही थी, तब कुछ असामाजिक तत्वों ने लोगों पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए. इससे विवाद बढ़ा और हिंसा की स्थिति पैदा हो गई. उपद्रवियों ने कई दुकानों और वाहनों में आग लगा दी जिससे काफी नुकसान हुआ. बताया जा रहा है कि इस हिंसा में 27 लोग घायल हुए हैं.
इस हिंसा के बाद से ही करौली क्षेत्र में तनाव का माहौल है. इलाके में कर्फ्यू लगा है और इंटरनेट सेवाएं बाधित हैं. इसी बीच पुलिस एफआईआर में कहा गया है कि शोभायात्रा पर सुनियोजित तरीके से हमला किया गया था.
हिंसा में घायल कोतवाली थाने के एसएचओ रामेश्वर दयाल मीणा ने एक एफआईआर में कहा है कि हिंदू संगठन की रैली पुलिस सुरक्षा के बीच हो रही थी लेकिन दूसरे समुदाय के लोगों ने घर के छतों से पत्थरबाजी शुरू कर दी. पुलिस मामले को शांत करने की कोशिश कर रही थी तभी भीड़ लाठी-डंडे के साथ आ गई और हिंसा शुरू हो गई. इस हिंसा में 6 पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर है.