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'PAK ने तालिबान को पाला पोसा...', भारत ने अमेरिका से सुनाई पड़ोसी देश को खरी-खोटी

भारत ने तालिबान के जरिए से पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाई है. भारत ने अमेरिका में कहा है कि अफगानिस्तान का पड़ोसी पाकिस्तान है और उसने ही तालिबान का पालन-पोषण और उसका समर्थन किया है.

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तालिबान और पाकिस्तान के पीएम इमरान खान
तालिबान और पाकिस्तान के पीएम इमरान खान
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अमेरिका से पाक पर बरसा भारत
  • विदेश सचिव बोले- तालिबान को PAK का सपोर्ट
  • अमेरिकी विदेश मंत्री से भी की थी मुलाकात

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार बनाने की तैयारी कर रहा है. तालिबान की अगली सत्ता पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं. इस बीच, भारत ने तालिबान के जरिए से पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाई है. भारत ने अमेरिका में कहा है कि अफगानिस्तान का पड़ोसी पाकिस्तान है और उसने ही तालिबान का पालन-पोषण और उसका समर्थन किया है. मालूम हो कि पाकिस्तानी सरकार के नेतृत्व ने कई मौकों पर तालिबान का सपोर्ट किया है.

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अमेरिका के वॉशिंगटन में भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए कहा, ''अमेरिका स्थिति को बहुत करीब से देख रहा है. पाकिस्तान अफगानिस्तान का पड़ोसी है, उसने ही तालिबान का समर्थन और पोषण किया है. ऐसे कई तत्व हैं जो पाकिस्तान समर्थित हैं- इसलिए इसकी भूमिका को संदर्भ में देखा जाना चाहिए.'' उन्होंने आगे कहा कि मुझे नहीं लगता कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्य अफगानिस्तान की स्थिति पर निष्क्रिय हैं. हम (भारत) जमीन पर नहीं हैं, वहां कोई संपत्ति नहीं है. ऐसा नहीं है कि हम कुछ नहीं कर रहे हैं, हम अफगानिस्तान में रुचि रखने वाले हर देश के संपर्क में हैं.

अमेरिकी विदेश मंत्री से मिले थे श्रृंगला
इससे पहले विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की, जिसमें विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और उप-सचिव वेंडी शेरमेन शामिल थे. उनके बीच में सामरिक द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों जैसे कि तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति समेत कई मुद्दों पर अहम चर्चा हुई थी. 31 अगस्त को अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद दोनों देशों के अधिकारियों के बीच यह पहली उच्च स्तरीय चर्चा थी. 

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तालिबान सरकार का गठन का हो सकता है ऐलान
काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान शनिवार को अफगानिस्तान में अपनी सरकार के गठन का ऐलान कर सकता है. हालांकि, सरकार का ऐलान शुक्रवार को ही होना था, लेकिन इसे एक दिन के लिए टाल दिया गया. तालिबानी नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर अफगानिस्तान सरकार का नेतृत्व कर सकता है. वहीं, हेबतुल्लाह अखुंदजादा को सर्वोच्च नेता बनाया जा सकता है. मालूम हो कि अफगानिस्तान से 31 अगस्त को दो दशकों के बाद अमेरिकी सेना वापस चली गई है. तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया है. उसके लड़ाकों ने दावा किया है कि पंजशीर घाटी पर भी उनका कंट्रोल हो गया है. हालांकि, पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने दावे को खारिज कर दिया है.

भारत में अल्पसंख्यकों के सवाल पर क्या बोला तालिबान?
तालिबान ने भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों को लेकर प्रतिक्रिया दी है. प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा है कि अगर आप मेरे देश अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों के लिए आवाज उठाने का अधिकार खुद को देते हैं, तो मुझे आपके देश में अल्पसंख्यकों के लिए आवाज उठाने का अधिकार क्यों नहीं होना चाहिए? शाहीन ने आगे कहा कि बेशक, मैं सैन्य अभियानों की बात नहीं कर रहा हूं, क्योंकि हमारे पास विदेशी एजेंडा नहीं है, न ही अन्य देशों में सैन्य रूप से हस्तक्षेप करने का इरादा है. इसके अलावा, किसी और को दूसरों के खिलाफ हमारी धरती का इस्तेमाल करने की इजाजत भी नहीं दी जाएगी.

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