पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस अर्जी की सुनवाई दो अक्टूबर तक के लिए टाल दी, जिसमें प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी. अर्जी में मांग की गई है कि सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के साथ टकराव खत्म करने के सिलसिले में आर्मी को मध्यस्थता के लिए कहने के मुद्दे पर शरीफ ने संसद से कथित तौर पर झूठ बोला, जिसकी वजह से उन्हें प्रधानमंत्री पद के अयोग्य करार दे देना चाहिए.
जस्टिस जव्वाद एस ख्वाजा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने समय की कमी के कारण मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी.
क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान की अगुवाई वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के इशाक खान खाकवानी ने पिछले हफ्ते अर्जी दाखिल कर संसद में कथित तौर पर गलत बयान देने के आरोप में शरीफ को अयोग्य करार देने की मांग की थी. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कैद (पीएमएल-क्यू) के प्रमुख चौधरी शुजात हुसैन और पेशे से वकील गौहर नवाज ने भी ऐसी ही अर्जियां दाखिल की थीं.
उन्होंने आरोप लगाया था कि शरीफ ने यह बयान देकर संसद को गुमराह किया कि उन्होंने आर्मी चीफ जनरल रहील शरीफ से कभी नहीं कहा कि वह इमरान खान और तहीरूल कादरी से बात करें. कादरी एक जाने माने धर्मगुरू हैं, जो नवाज शरीफ के इस्तीफे की मांग को लेकर इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शनों की अगुवाई कर रहे थे.