पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने क्रिकेटर से नेता बने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) प्रमुख इमरान खान को बड़ी राहत दी है. देश की शीर्ष अदालत ने फॉरेन फंडिंग मामले में अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. हालांकि अदालत ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के महासचिव जहांगीर तरीन को अयोग्य करार दिया है.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल करके फॉरेन फंडिंग मामले में इमरान खान को संसद की सदस्यता के अयोग्य ठहराने की मांग की गई थी. पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने 14 नवंबर को इस मामले पर दोनों नेताओं के मामले पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था.
65 वर्षीय इमरान खान पर विदेशी कंपनियों में अपनी संपत्ति छिपाने और विदेशी फंडिंग की मदद से अपनी पार्टी चलाने के आरोप लगे थे. हालांकि पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने इमरान खान के करीबी और PTI के महासचिव जहांगीर खान तरीन को इसी मामले में आजीवन अयोग्य करार दिया.
इमरान खान और तरीन के खिलाफ यह मामला पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के नेता हनीफ अब्बासी की शिकायत पर शुरू किया गया था. पाकिस्तान के चीफ जस्टिस मियां सादिक निसार की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने करीब एक साल तक मामले की सुनवाई की. इस दौरान 50 पेशियां हुईं. अदालत के सामने दोनों पक्ष की ओर से 7,000 से ज्यादा दस्तावेज जमा किए गए.
अदालत ने इमरान खान को अयोग्य ठहराने से इनकार कर दिया, लेकिन तरीन को अयोग्य करार दिया. वहीं, अदालत के फैसले के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रवक्ता फवाद चौधरी ने कहा कि पार्टी प्रमुख इमरान खान ने तरीन को महासचिव के तौर पर अपनी जिम्मेदारी का लगातार निर्वहन करने को कहा है यानी वो अब भी पार्टी के महासचिव का कार्यभार देखते रहेंगे.