पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने आज गुरुवार को ब्रिटिश मूल के अल-कायदा से ताल्लुक रखने वाले कुख्यात आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख को रिहा करने का आदेश दिया है, जो 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के आरोपी हैं. पिछले महीने हाईकोर्ट ने रिहाई के आदेश दिए थे.
समाचार पत्र 'डॉन' की खबर के अनुसार, 2002 में डेनियल पर्ल की हत्या के मामले में अहमद उमर सईद शेख को दोषी ठहराने के सिंध हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सिंध सरकार की अपील खारिज कर दी है.
2007 में मिली थी मौत की सजा
उमर सईद शेख को 2007 में फांसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन पिछले महीने सिंध हाईकोर्ट ने डेनियल पर्ल के हत्यारों को रिहा करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने शेख के सिर से पर्ल की हत्या का इल्जाम हटाकर उसे सिर्फ अपहरण का दोषी माना, जिसके लिए उसे 7 साल की सजा सुनाई. ये सजा वो पहले ही काट चुका है.
जस्टिस मुशीर आलम की अगुवाई वाली तीन जजों की पीठ ने भी पर्ल हत्या मामले के आरोपी शेख को रिहा करने का निर्देश दिया है. हालांकि पीठ के एक सदस्य ने इस फैसले का विरोध किया.
द वॉल स्ट्रीट जर्नल के 38 वर्षीय दक्षिण एशिया ब्यूरो के प्रमुख डेनियल पर्ल का अपहरण कर लिया गया था और बाद में उनकी हत्या कर दी गई. जिस समय उनकी हत्या की गई उस समय वह 2002 में पाकिस्तान की ताकतवर जासूसी एजेंसी आईएसआई और अल-कायदा के बीच संबंधों को लेकर खोजी पत्रकारिता कर रहे थे. अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल के लिए काम करने वाले डेनियल पर्ल 2001 में पाकिस्तान आए थे.
भारत में मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी
इससे पहले पिछले महीने के अंत में पाकिस्तान की एक अदालत ने डेनियल पर्ल मामले में चारों आरोपियों को छोड़ने का आदेश जारी किया. उमर शेख को इसी मामले में मौत की सजा हो चुकी थी, जबकि बाद में सभी आरोपियों को बरी किया गया.
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अदालत द्वारा आरोपियों को बरी करने के बावजूद इन्हें जेल में रखा गया था, जिस पर कोर्ट की ओर से नाराजगी व्यक्त की गई. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि चारों ही आरोपियों को तुरंत जेल से बाहर किया जाए.
उमर सईद शेख भारत का भी मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी है, जिसे कंधार हाईजैक कांड में छोड़ा गया था. शेख उन तीन कुख्यात आतंकियों में शामिल था, जिन्हें भारत सरकार ने छोड़ा था. कंधार में हाईजैक हुए प्लेन के बाद आतंकियों ने मसूद अजहर, उमर शेख और अहमद जरगर को छोड़ने की मांग की थी.