पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने 26/11 हमले के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी की हिरासत निलंबित करने के हाई कोर्ट के आदेश को पलट दिया है. इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने 29 दिसंबर को लखवी के हिरासत नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया था, जिसके बाद उसके रिहा होने की संभावनाएं बढ़ गई थीं. ताजा फैसले के बाद अब यह तय हो गया है कि लखवी अभी जेल में ही रहेगा.
गौरतलब है कि हाई कोर्ट के फैसले पर भारत ने भी कड़ी आपत्ति जताई थी. इस मामले में पाक उच्चायुक्त को भी तलब किया गया था, जिसके बाद पाकिस्तान सरकार ने कहा था कि वह लखवी की हिरासत के निलंबन को चुनौती देगी . पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा था, 'सरकार ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट के आदेश के विरुद्ध अंतर्अदालती अपील करने का निर्णय लिया है. अटॉर्नी जनरल इस्लामाबाद हाई कोर्ट के आदेश के विरुद्ध अंतर्अदालती अपील दायर करेंगे.'
लखवी ने मांगी थी आजादी
इससे पहले लखवी ने अपनी हिरासत खत्म करने की मांग की थी. उसे सार्वजनिक व्यवस्था बहाली (एमपीओ) अध्यादेश के तहत हिरासत में लिया गया था. हाई कोर्ट के आदेश के एक दिन बाद लखवी को अपहरण के एक मामले में दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. इस्लामाबाद की आतंकवाद निरोधी अदालत के जज ने मुंबई हमले के मामले में लखवी के खिलाफ सबूतों की कमी का हवाला देते हुए 18 दिसंबर को जमानत दी थी. इससे पहले लखवी जेल से रिहा हो पाता, सरकार ने उसे लोक व्यवस्था बनाए रखने से जुड़े कानून (एमपीओ) के तहत तीन महीने के लिए हिरासत में ले लिया था. उसे पांच लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी गई थी.
आतंकियों को प्रशिक्षण देता है लखवी
लखवी की रिहाई का अनुरोध सरकार द्वारा खारिज कर दिए जाने पर लखवी ने एमपीओ के तहत अपनी हिरासत को इस्लामाबाद हाई कोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी. लखवी और छह अन्य अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनिस अंजुम पर 26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई हमलों की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का आरोप लगाया है. इन हमलों में कुल 166 लोग मारे गए थे. साल 2009 से इस मामले में मुकदमा चल रहा है. लखवी भारत की वित्तीय राजधानी में हमलों को अंजाम देने वाले 10 आतंकियों को प्रशिक्षण देने और उन्हें दिशानिर्देश देने के आरोपों का सामना कर रहा है.