पाकिस्तान ने यूएन के मंच से आतंकवाद पर खुद का चेहरा छुपाने के लिए पूरा जोर लगा दिया. लेकिन पाकिस्तान के झूठ और धोखे अब दुनिया के सामने नहीं चलेंगे. क्योंकि इससे पहले कई मौकों पर पाकिस्तान ने आतंकवाद को को लेकर दुनिया को गुमराह करने की कोशिश की थी.
एटम बम की सप्लाई
पाकिस्तान दुनिया से कहता था कि उसने एटम बम की सप्लाई बाहर नहीं की है. बाद में उसके एटम बम के जनक ने ही नेशनल टीवी पर कबूला कि उत्तर कोरिया, ईरान, लीबिया को एटम बम की तकनीक और सामान सप्लाई किए.
ओसामा बिन लादेन
पाकिस्तान दुनिया से कहता था कि ओसामा बिन लादेन उसके यहां नहीं है. बाद में लादेन पाकिस्तान की राजधानी के पास एबटाबाद में मारा गया.
मुल्ला मंसूर
पाकिस्तान दुनिया से कहता है कि तालिबान के नेता उसके यहां नहीं हैं जबकि तालिबान के सबसे बड़े आतंकी मुल्ला उमर की कराची के अस्पताल में मौत हुई, मुल्ला मंसूर बलूचिस्तान में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया.
आतंकी नेटवर्क
पाकिस्तान दुनिया से कहता है कि उसके यहां कोई आतंकवादी संगठनों की सुरक्षित पनाहगाहें नहीं हैं, जबकि हाफिज़ सईद, सैयद सलाहुद्दीन और मौलाना मसूद अज़हर जैसे आतंकवादी पाकिस्तान में सुरक्षित रहते हैं.
1965 और करगिल की लड़ाई
करगिल की लड़ाई के वक्त पाकिस्तान कह रहा था कि करगिल की पहाड़ियों में उसके जवान नहीं है. पहले अपने जवानों की लाशें उठाने नहीं आया, बाद में वो जवानों की लाशें उठाकर ले गया.
इसके अलावा पाकिस्तान 1970 के दौर में कहता था कि बांग्लादेश में वो कोई अत्याचार नहीं कर रहा है. अभी यूएन महासभा से बांग्लादेश ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना के अत्याचार गिनवाए.