पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक और बड़ा झटका लगा है. आतंकियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में बना रहेगा. FATF ने बुधवार को ये फैसला लिया.
अधिकारियों ने कहा कि FATF ने बुधवार को पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखने का फैसला किया है, क्योंकि वह लश्कर और जैश जैसे आतंकी संगठनों को पहुंचने वाली फंडिंग पर नकेल कसने में विफल रहा है.
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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित FATF के अधिवेशन की अध्यक्षता चीन के शियांगमिन लिऊ ने की. इस अधिवेशन में इस बात का फैसला किया जाना था कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा जाएगा या ब्लैक लिस्ट में डाला जाएगा.
इससे पहले फरवरी माह में भी पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने में विफल रहा था. पाकिस्तान पर आरोप था कि वह लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को फंड देता है. इसके बाद पाकिस्तान को जून 2020 तक का समय दिया गया था. उसे 27 प्वाइंट एक्शन प्लान पर काम करने को कहा गया था. लेकिन वह विफल रहा.
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आतंकवाद को समर्थन देने के कारण एफएटीएफ ने पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट में डाल दिया था. पाकिस्तान पर आरोप था कि वह आतंकी संगठनों को फंड मुहैया कराने वाले नेटवर्क का समर्थन करता है. बाद में एफएटीएफ के दबाव के चलते पाकिस्तान ने दिखावे के लिए कुछ कदम उठाए, लेकिन वह अपनी कार्रवाई से एफएटीएफ को संतुष्ट नहीं कर पाया.