पाकिस्तान की सियासत में जारी उठापटक के बीच इमरान खान सरकार ने अमेरिका के खिलाफ एक बेहद चौंकाने वाला कदम उठाने का ऐलान किया है. गुरुवार को हुई पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में अमेरिका के टॉप डिप्लोमेट को तलब करने का फैसला लिया गया है.
बता दें कि इससे पहले इमरान खान ने उन्हें सत्ता से हटाने की साजिश में विदेशी ताकत के शामिल होने का आरोप लगाया था. उन्होंने नेशनल असेंबली सदस्यों और पत्रकारों से एक चिट्ठी भी शेयर की थी. उनके इस आरोप के बाद अमेरिका ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी. इसके बाद अब एक कदम और आगे बढ़ते हुए इमरान सरकार ने इस मसले पर अमेरिका के टॉप डिप्लोमेट को समन जारी करने का फैसला लिया है.
इमरान के इल्जाम के बाद यूएस की तरफ से साफ कहा गया है कि इमरान खान के खिलाफ लाये गए अविश्वास प्रस्ताव में उनका कोई रोल नहीं है. जियो न्यूज के मुताबिक, अमेरिका की सरकार ने साफ कहा है कि पूरे घटनाक्रम में अमेरिका पर लग रहे आरोप बेबुनियाद हैं. अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अविश्वास प्रस्ताव, धमकी भरे पत्र के मामले में अमेरिका के रोल की बातें बेबुनियाद हैं. आगे कहा गया कि पाकिस्तान के राजनीतिक घटनाक्रम पर अमेरिका की नजर है. कहा गया कि उनको पाकिस्तान के संविधान पर भरोसा है और वह उसका आदर करते हैं.
नेशनल असेंबली का सत्र 3 अप्रैल तक स्थगित
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को कुछ दिन की मोहलत और मिल गई है. गुरुवार को नेशनल असेंबली का सत्र शुरू होते ही विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. इसके बाद सदन की कार्रवाई 3 अप्रैल तक स्थगित कर दी गई. अब इमरान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 3 अप्रैल को चर्चा होगी. इमरान को मिले 3 दिन के वक्त को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इन तीन दिनों में इमरान अपनी कुर्सी बचाने के लिए कई जतन कर सकते हैं.