पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू कर दी है. पाकिस्तान चुनाव आयोग की शिकायत पर तोशाखाना के महंगे तोहफों के बारे में जानकारी छिपाने के आरोप में खान के खिलाफ कार्यवाही शुरू की गई है. दरअसल चुनाव आयोग ने उन्हें चुनावी पत्रों में गलत जानकारी देने का दोषी पाया है.
चुनाव आयोग की शिकायत में कहा गया कि इमरान खान ने तोशाखाना तोहफों के संबंध में जानबूझकर अपनी संपत्तियों की जानकारी छिपाई. आयोग का कहना है क इमरान खान ने साल 2017-2018 और 2018-19 के लिए दाखिल किए गए संपत्ति और देनदारियों के ब्योरे में विशेष रूप से वर्ष 2018 और 2019 में तोशखना तोहफों से संबंधित अपनी संपत्ति की जानकारी को जानबूझकर छिपाया था.
एडिशनल सेशंस जज जफर इकबाल ने जिला चुनाव आयुक्त वकास मलिक का बयान दर्ज करने के बाद इमरान खान के खिलाफ मामले की सुनवाई आठ दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी.
उन्हें पिछली सुनवाई में अदालत के समक्ष पेश होने को कहा गया था. लेकिन वह पेश नहीं हो पाए. दरअसल बीते 3 नवंबर को वजीराबाद में लॉन्ग मार्च के दौरान इमरान खान के ऊपर हमला किया गया था. वह इस हमले में बाल-बाल बचे. 70 वर्षीय इमरान खान पर हमला तब हुआ, जब वह गुजरांवाला में लॉन्ग मार्च का नेतृत्व कर रहे थे. यहां एक शख्स ने इमरान के ऊपर फायरिंग कर दी थी, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई थी और पूर्व पीएम के पैर में गोली लगी थी.
बता दें कि इमरान खान ने 2018 में सऊदी अरब के दौरे के दौरान उन्हें तोहफे में मिली महंगी ग्राफ रिस्टवॉच सहित कई अन्य बेशकीमती तोहफों को मुनाफे के लिए बेच दिया था.
क्या है तोशाखाना मामला?
तोशाखाना कैबिनेट का एक विभाग है, जहां अन्य देशों की सरकारों, राष्ट्रप्रमुखों और विदेशी मेहमानों द्वारा दिए गए बेशकीमती उपहारों को रखा जाता है. नियमों के तहत किसी दूसरे देशों के प्रमुखों या गणमान्य लोगों से मिले उपहारों को तोशाखाना में रखा जाना जरूरी है.
इमरान खान 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे. उन्हें अरब देशों की यात्राओं के दौरान वहां के शासकों से महंगे गिफ्ट मिले थे. उन्हें कई यूरोपीय देशों के राष्ट्रप्रमुखों से भी बेशकीमती गिफ्ट मिले थे, जिन्हें इमरान ने तोशाखाना में जमा करा दिया था. लेकिन इमरान खान ने बाद में तोशाखाना से इन्हें सस्ते दामों पर खरीदा और बड़े मुनाफे में बेच दिया. इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने बकायदा कानूनी अनुमति दी थी.
पूर्व प्रधानमंत्री ने सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग को बताया था कि राज्य के खजाने से इन गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा गया था और इन्हें बेचकर उन्हें करीब 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. इन गिफ्ट्स में एक Graff घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां सहित कई अन्य उपहार भी थे.