पाकिस्तान में भारतीय इतिहास से जुड़े प्रतीकों के प्रति नफरत का एक और उदाहरण देखने को मिला है. लाहौर में महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति को एक बार फिर तोड़ा गया है. ये हरकत तहरीक-ए लब्बैक पाकिस्तान से जुड़े एक शख्स ने की है.
लाहौर किले पर बनी इस प्रतिमा का अनावरण जून 2019 में किया गया था. तब से लेकर अब तक ये तीसरी घटना है जब इस मूर्ति के साथ तोड़फोड़ की गई है.
ताजा घटना का एक वीडियो भी सामने आया है. इस वीडियो में सफेद कुर्ता-पायजामा और टोपी पहने एक शख्स नजर आ रहा है जो इस मूर्ति को तोड़ रहा है. मूर्ति तोड़ते वक्त ये शख्स नारे भी लगा रहा है. जब इस शख्स ने मूर्ति को तोड़ा, उस वक्त वहां कुछ लोग मौजूद थे, जिन्होंने इसे पकड़ लिया.
मूर्ति तोड़ने वाला ये शख्स तहरीक-ए लब्बैक पाकिस्तान से जुड़ा है. तहरीक-ए लब्बैक पाकिस्तान यानी TLP पाकिस्तान की एक पॉलिटिकल पार्टी है. ये घोर इस्लामिक पार्टी के तौर पर अपनी पहचान रखती है. 2015 में इस पार्टी का गठन हुआ था, जिसे इसी साल अप्रैल में प्रतिबंधित कर दिया गया.
पंजाब प्रान्त की पुलिस ने महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा तोड़ने वाले कट्टरपंथी समूह तहरीक-ए-लब्बैक के सदस्य रिजवान को गिरफ़्तार कर लिया है. पुलिस ने बताया है कि घटना के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है.
सिख शासक महाराजा रणजीत सिंह का निधन 1839 में लाहौर में हुआ था. उस वक्त लाहौर भारत का हिस्सा था. उन्हीं की याद में इस मूर्ति को लाहौर फोर्ट यानी शाही किले पर बनवाया गया था. जून 2019, में इस प्रतिमा का अनावरण हुआ था और समारोह में भारत व पाकिस्तान समेत अन्य देशों के कई सिख प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था.
इस घटना को लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पाकिस्तान पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति पर हमला होते देखना दुखद है. मामले को बदतर बनाने के लिए पाकिस्तानी अधिकारियों की चुप्पी और भी अधिक निंदनीय है. यह कई लोगों को आश्चर्यचकित करता है क्या अल्पसंख्यकों के खिलाफ इस तरह के हमलों में पाकिस्तानी राज्य की मिलीभगत है?