पाकिस्तान में इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुए हिंसक प्रदर्शनों का दौर अब भी जारी है. पाकिस्तान में चल रहे गृहयुद्ध जैसे हालात को लेकर अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ ने चिंता जताई है और कहा है कि वो स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. लेकिन पाकिस्तान की स्थिति पर उसके करीबी दोस्त चीन ने अब तक चुप्पी बनाए रखी है. चीन की इस चुप्पी को पाकिस्तान की सेना से उसकी करीबी से जोड़कर देखा जा रहा है.
इमरान खान की गिरफ्तारी से दो हफ्ते पहले ही पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर चीन के दौरे पर थे. असीम मुनीर एकमात्र विदेशी सैन्य प्रमुख हैं जो नियमित रूप से चीनी सैन्य अधिकारियों और शीर्ष राजनयिकों से मिलते हैं. पीटीआई प्रमुख की गिरफ्तारी के ठीक तीन दिन पहले असीम मुनीर ने त्रिपक्षीय बैठक (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक) के लिए पाकिस्तान आए चीनी विदेश मंत्री किन गांग से भी मुलाकात की थी.
'पाकिस्तान की सेना राष्ट्रीय सुरक्षा की कट्टर रक्षक'
चीन के अपने दौरे में, पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने 27 अप्रैल को पोलित ब्यूरो के सदस्य और शीर्ष राजनयिक वांग यी से मुलाकात की, जो कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश मामलों के केंद्रीय आयोग के निदेशक हैं. मुलाकात के दौरान वांग ने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तानी सेना 'पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षक' है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना चीन-पाकिस्तान की मजबूत दोस्ती का भी 'रक्षक' है.
उन्होंने आगे कहा, 'चीन के प्रति मैत्रीपूर्ण नीतियों का मजबूती से पालन करने और चीन के हितों और चिंताओं के मुद्दों पर चीन के साथ खड़े होने के लिए पाकिस्तानी सरकारों और सभी राजनीतिक दलों की हम सराहना करते हैं.'
वांग यी की टिप्पणी से यह संकेत मिलता है कि चीन पाकिस्तान में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए लोगों के द्वारा चुनी गई सरकार से ज्यादा पाकिस्तान की सेना पर भरोसा करता है.
इधर, पाकिस्तान आए चीनी विदेश मंत्री किन गांग ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान के विकास के लिए स्थिरता बेहद जरूरी है.
उन्होंने कहा, 'स्थिरता विकास के लिए एक शर्त है, और सुरक्षा शक्ति और समृद्धि की नींव है. चीन को उम्मीद है कि पाकिस्तान में सभी राजनीतिक ताकतें आम सहमति बनाएंगी, स्थिरता बनाए रखेंगी, घरेलू और बाहरी चुनौतियों का अधिक प्रभावी ढंग से जवाब देंगी, और अर्थव्यवस्था को विकसित करने और लोगों की आजीविका में सुधार के लिए मिलकर कोशिश करेंगी.'
पाक सेना प्रमुख का चीन दौरा और इमरान खान की गिरफ्तारी के बीच संबंध
पाकिस्तानी सेना प्रमुख के चीन दौरे और फिर चीनी विदेश मंत्री से उनके पाकिस्तान में मिलने को कई लोग पाकिस्तान की हालिया घरेलू स्थिति से जोड़कर देख रहे हैं.
शंघाई में इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एंड सेंट्रल एशिया स्टडीज के निदेशक और प्रोफेसर वांग देहुआ ने द हिंदू को बताया, 'पाकिस्तान की सेना का राजनीतिक मामलों में दखल देने का इतिहास रहा है, लेकिन मुझे लगता है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख की चीन यात्रा का घरेलू तनाव से कोई संबंध नहीं है.'
यह पूछे जाने पर कि क्या इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद चीन-पाकिस्तान के रिश्ते प्रभावित होंगे, उन्होंने कहा, 'कुछ लोग चिंतित हैं कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी से रिश्ते प्रभावित होंगे, लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता. जब तक भारत का अस्तित्व है और उसके पास ताकत है, भारत, चीन और पाकिस्तान के बीच संबंधों की आधारशिला बना रहेगा. पाकिस्तान के घरेलू मामलों से इस तथ्य में कोई बदलाव नहीं आएगा.'
पाकिस्तानी सेना की चेतावनी के बाद अरेस्ट हुए थे इमरान
इमरान खान जब अगस्त 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने तब सेना के साथ उनके रिश्ते अच्छी स्थिति में थे. लेकिन बाद के सालों में सेना और उनके बीच तल्खी आने लगी. अप्रैल 2022 में जब उनकी सरकार गिरा दी गई तब उन्होंने सेना पर सरकार गिराने में शामिल होने का आरोप लगाया.
प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद इमरान खान पर दो बार जानलेवा हमले हो चुके हैं और इसके पीछे भी वो सेना को जिम्मेदार बताते हैं. पिछले रविवार को उन्होंने एक रैली में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के अफसरों और सेना के जनरल फैसल नसीर पर उनकी हत्या की साजिश का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि पूर्व में उन पर हुए हमलों के पीछे फैसल नसीर थे और आगे भी अगर उन्हें कुछ होता है तो फैसल नसीर ही जिम्मेदार होंगे.
उनके इस आरोप के बाद सोमवार को सेना की मीडिया विंग ने एक बयान जारी कर इमरान खान को धमकी दी कि सेना पर गलत आरोप लगाने के कारण उन पर कार्रवाई की जा सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके इस आरोप से पाकिस्तान की सेना और आर्मी चीफ बेहद नाराज थे. और इसके अगले
ही दिन मंगलवार को इमरान खान को अल कादिर ट्रस्ट मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर से गिरफ्तार कर लिए गए.
'पाकिस्तान में और तेज होंगे प्रदर्शन'
उनकी गिरफ्तारी के बाद से ही पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. इमरान खान के समर्थक जमकर आगजनी और तोड़फोड़ कर रहे हैं. बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के घर पर भी हमला किया गया और पुलिस के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने लाहौर स्थित पीएम के आवास के अंदर पेट्रोल बम भी फेंके.
बीजिंग में चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेम्परेरी इंटरनेशनल रिलेशंस के दक्षिण एशिया मामलों के जानकार हू शिशेंग पाकिस्तान के ताजा हालात को लेकर कहते हैं, 'पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी से और अधिक अराजकता फैलेगी, सड़कों पर और अधिक प्रदर्शन होंगे. लेकिन सेना, अदालतें और पाकिस्तान सरकार आने वाले दिनों में इस राजनीतिक नाटक को समाप्त कर देंगे. इमरान खान की पीटीआई एक राजनीतिक शक्ति बनी रहेगी.'