अमेरिका को उम्मीद है कि पैरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) जल्द ही पाकिस्तान समेत दूसरे देशों पर जल्द फैसला ले लेगा. अमेरिका बार-बार कहता आया है कि पाकिस्तान अपनी जमीन पर आतंकवाद के खिलाफ उचित कदम नहीं उठा रहा है. वहीं, पाकिस्तान ने कहा है कि इस मामले में उसके हाथ बाजी लगी है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हेदर नॉर्ट ने कहा है कि उन्हें गुरुवार को इस मामले में अंतिम फैसला आने का इंतजार है. वह पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रही थीं.
बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा एम आसिफ ने एक ट्वीट करके कहा था कि FATF की बैठक में पाकिस्तान को लेकर कोई सहमति नहीं बन सकी. इस बैठक में पाकिस्तान को मनी लॉन्ड्रिंग रोकने और आतंकवाद के खिलाफ और ज्यादा काम करने की जरूरत वाले देशों की ग्रे लिस्ट में शामिल करने पर फैसला होना था. पाक विदेश मंत्री ने कहा है कि उन्हें तीन महीने का समय दिया गया है.
आसिफ के इस ट्वीट के बारे में पूछने पर हेदर ने कहा कि वह इस पर कोई जबाव नहीं दे सकती हैं, क्योंकि उनकी जानकारी के मुताबिक इस मामले पर इस हफ्ते फैसला होना है. उन्होंने कहा कि इस मामले में अंतिम फैसला होने से पहले वह कुछ नहीं कहना चाहतीं और फैसला का इंजतार किया जाएगा.Our efforts paid,FATF Paris 20Feb meeting conclusion on US led motion to put Pakistan on watch list
-No consensus for nominating Pakistan
-proposing 3months pause &asking APG for another report to b considered in June الحمداللہ
Grateful to friends who helped
— Khawaja M. Asif (@KhawajaMAsif) February 20, 2018
उन्होंने कहा कि FATF में कई देशों ने मिलकर उन देशों पर चर्चा की जो आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं. उन देशों में पाकिस्तान भी शामिल है, जिन पर बारीकी से नजर रखी जा रही है और इस बारे में जल्द ही घोषणा की जाएगी.
उन्होंने कहा कि अमेरिका की पाकिस्तान को लेकर चिंताएं काफी स्पष्ट हैं. हेदर के मुताबिक अमेरिका पाकिस्तान में टेरर फंडिंग को लेकर चिंतित है, हमने कई बार मुंबई हमलों में सैकड़ों लोगों को मारने वाले जिम्मेदार शख्स की नजरबंदी से रिहाई को लेकर बात की.
आपको बता दें कि FATF की 20 फरवरी को हुई बैठक से पहले और इसके बाद पाकिस्तान में हाफिज सईद के संगठनों जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन के चंदा लेने पर रोक लगाई गई. इसके बाद पाकिस्तान सरकार इन संगठनों की तमाम संस्थाओं पर भी अपना नियंत्रण करती जा रही है.