scorecardresearch
 

पाकिस्तान ने परमाणु क्षमता की ब्लैकमेलिंग की तो वह दूसरा उत्तर कोरिया बन जाएगा: अमेरिका

अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी जनरल मैकमास्टर ने कहा है कि पाकिस्तान की दोतरफा सौदेबाजी से राष्ट्रपति ट्रंप और अमेरिका खीज गए हैं.

Advertisement
X
अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी जनरल मैकमास्टर
अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी जनरल मैकमास्टर

Advertisement

अमेरिका ने पाकिस्तान के दोहरेपन पर कड़ी चोट करते हुए उसे सख्त चेतावनी दी है. अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी जनरल मैकमास्टर ने कहा है कि पाकिस्तान की दोतरफा सौदेबाजी से राष्ट्रपति ट्रंप और अमेरिका खीज गए हैं. पाकिस्तान आतंकवाद को सरकारी नीति बना चुका है और आतंकवादियों पर कार्रवाई 'सीमित तरीके' से ही कर रहा है.

मैकमास्टर ने कहा कि पाकिस्तान यदि अपनी परमाणु क्षमता की ब्लैकमेलिंग शुरू की तो वह एक और उत्तर कोरिया बन जाएगा. अमेरिकी सेना के पूर्व जनरल मैकमास्टर ने वायस ऑफ अमेरिका को दिए एक इंटरव्यू में यह बात कही.

उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा पाकिस्तान के बारे में किए गए ट्वीट से ही समझा जा सकता है कि हालत क्या है. ट्रंप ने इस ट्वीट में कहा था कि पाकिस्तान एक झूठा और फरेबी देश है जो भारी अमेरिकी सहायता हासिल करने के बावजूद अफगानिस्तान से भगाए जाने वाले आतंकियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा और इसलिए अब पाकिस्तान को अमेरिकी सहायता नहीं दी जाएगी.

Advertisement

मैकमास्टर ने कहा कि पाकिस्तान ने न सिर्फ अमेरिका की दोस्ती के साथ विश्वासघात किया है, बल्कि अपने लोगों को भी धोखा दिया है. उन्होंने कहा, 'हमें समय-समय पर इस बात से काफी खीझ आती है कि पाकिस्तान अपनी ही जनता के हितों के खिलाफ काम कर रहा है. वह तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के आतंकियों को सुरक्षित पनाहगार और सपोर्ट बेस मुहैया कर रहा है, जबकि वे पाकिस्तान और अफगानिस्तान के कई इलाकों को नर्क में ढकेल रहे हैं.'

इस सवाल पर कि क्या पाकिस्तान अपनी परमाणु क्षमता की वजह से उसी तरह से ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा, जैसा कि नॉर्थ कोरिया कर रहा है, मैकमास्टर ने कहा, 'मुझे ऐसा नहीं लगता. पाकिस्तानी नेताओं के लिए यह समझदारी वाली बात नहीं होगी. पाकिस्तान के नेताओं ने अगर ऐसा किया तो वह अपने देश को दूसरा उत्तर कोरिया बना देंगे.'

उन्होंने कहा, 'क्या पाकिस्तान के नेता अपने देश को उत्तर कोरिया बनाना चाहते हैं? पाकिस्तान सुरक्षा और समृद्धि के रास्ते पर बढ़ना चाहता है या वह नॉर्थ कोरिया का रास्ता अपना सकता है. मुझे लगता है कि पाकिस्तानी नेताओं के लिए इसका निर्णय करना आसान है.

Advertisement
Advertisement