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इमरान की चुनावी पारी थमी, PTI के वजूद पर भी सवाल... PAK के पूर्व PM की गिरफ्तारी के मायने

इमरान अपनी गिरफ्तारी से पहले अपने समर्थकों को एक मैसेज देकर गए हैं कि अपने हुकूक के लिए सड़कों पर उतरें. लेकिन अगले 12 से 24 घंटे में जनता का जो रिएक्शन आएगा, उससे भी आगे की तस्वीर साफ होगी कि उनकी गिरफ्तारी का लोगों पर क्या असर पड़ा है.

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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लाहौर से अरेस्ट कर इस्लामाबाद ले जाया गया है
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लाहौर से अरेस्ट कर इस्लामाबाद ले जाया गया है

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुसीबतें बढ़ गई हैं. इस्लामाबाद की एक ट्रायल कोर्ट ने तोशाखाना भ्रष्टाचार केस में इमरान को दोषी पाया है. उन्हें तीन साल की जेल की सजा के साथ ही उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इस फैसले के बाद इमरान को लाहौर में उनके आवास जमान पार्क से अरेस्ट कर लिया गया है. उन्हें लाहौर से सड़क मार्ग से इस्लामाबाद लाया जा रहा है.

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गिरफ्तारी से ठीक पहले इमरान ने कहा कि मेरी गिरफ्तारी अपेक्षित थी और मैंने अपनी गिरफ्तारी से पहले यह संदेश रिकॉर्ड किया है. यह लंदन योजना को पूरा करने की दिशा में एक और कदम है, लेकिन मैं चाहता हूं कि मेरी पार्टी के कार्यकर्ता शांतिपूर्ण, दृढ़ और मजबूत रहें. हम किसी और के सामने नहीं, बल्कि अल्लाह के सामने झुकते हैं. उन्होंने कहा कि आपको अपने घरों में छिपकर नहीं बैठना है. अगर आप अपने हुकूक के लिए खड़े नहीं होंगे, तो गुलामों की जिंदगी गुजारेंगे. इमरान ने अपने समर्थकों से कहा कि कोई भी आजादी को प्लेट में रखकर नहीं देता, जंजीरें गिरती नहीं है, तोड़नी पड़ती हैं. ऐसे में सवाल ये है कि इमरान की इस गिरफ्तारी का उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पर क्या असर होगा?
 
इमरान अपनी गिरफ्तारी से पहले अपने समर्थकों को एक मैसेज देकर गए हैं कि अपने हुकूक के लिए सड़कों पर उतरें. लेकिन अगले 12 से 24 घंटे में जनता का जो रिएक्शन आएगा, उससे भी आगे की तस्वीर साफ होगी कि उनकी गिरफ्तारी का लोगों पर क्या असर पड़ा है. इसके साथ ही इमरान की गिरफ्तारी के कुछ बड़े मायने निकलकर सामने आ रहे हैं. पाकिस्तान की राजनीति के जानकारों का कहना है कि अब इमरान की चुनावी पर थम सकती है. क्योंकि कोर्ट ने उनके 5 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है. ऐसे में इमरान अपनी राजनीतिक जमीन गंवा सकते हैं. उनकी गिरफ्तारी के बाद अब उनकी पार्टी पीटीआई के वजूद पर भी सवाल उठ रहे हैं. 

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क्या फिर सुलग उठेगा पाकिस्तान?
 

तोशाखाने मामले में जब पिछली बार फैसला सुनाया गया था, तब पूरा इस्लामाबाद हिंसा की आग में झुलग गया था. पीटीआई के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए थे, उन्होंने जमकर हिंसा की थी, लेकिन आज के हालात पूरी तरह से मुख्तलिफ हैं. आज इस्लामाबाद की ट्रायल कोर्ट ने जब इमरान को सजा सुनाई तो किसी तरह का कोई प्रदर्शन या हिंसा नहीं है. लाहौर से लेकर इस्लामाबाद तक पूरी तरह से शांति है. कोई भी कार्यकर्ता अभी तक सड़क पर नहीं उतरा है.


न आर्मी का साथ न आर्मी का
 

इमरान के पास अब न ही लोगों का समर्थन है न ही सेना का. दरअसल इमरान खान ने आर्मी के खिलाफ एक नैरेटिव सेट कर दिया था और खुद को बड़े लीडर के रूप में स्थापित करने की कोशिश की, इसका उन पर विपरीत असर पड़ गया. वह खुद की नजर में ही बड़े नेता बन गए थे. उन्होंने जिस तरह से आर्मी की मजम्मत की थी, उसका असर अब साफ तौर पर दिख रहा है.

इमरान की पार्टी का क्या होगा?
 

इमरान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के वजूद पर भी खतरा मंडराने लगा है. पाकिस्तान की राजनीति के जानकारों का कहना है कि ये भी संभव है कि अब पार्टी बिखर जाए, क्योंकि उसका वजूद इमरान से ही है. जबकि कुछ लोगों का कहना है कि पार्टी में कई गुट बन सकते हैं. पार्टी के नेता शाह महमूद कुरैशी न तो इतने पॉपुलर हैं न ही उनमें लोगों को जोड़ने की क्षमता है. ऐसे में पार्टी के बिखरने के पूरे आसार बन रहे हैं.

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भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई

इमरान पर आरोप है कि उन्होंने तोशाखाना से कुछ गिफ्ट्स को सिर्फ 20 फीसदी भुगतान कर खरीदा और उन्हें महंगे दामों पर बेच दिए. लेकिन जिस तरह उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, इससे एक मैसेज ये देने की भी कोशिश की जा रही है कि पाकिस्तान में भ्रष्टाचार करने वाले के लिए कोई जगह नहीं है. कोई भी करप्शन करेगा, चाहे वह कितना भी बड़ा आदमी क्यों न हो, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्हें तीन साल की सजा के साथ ही 5 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक भी लगा दी गई है.

क्या है तोशाखाना केस?

इमरान खान साल 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे. अलग-अलग देशों के दौरे पर उन्हें कई महंगे गिफ्ट्स मिले थे. रिपोर्ट के मुताबिक इमरान खान ने पिछले साल सितंबर में चुनाव आयोग को एक जवाब दिया था. इसमें उन्होंने बताया था कि 1 अगस्त 2018 से 31 दिसंबर 2021 के बीच उन्हें और उनकी पत्नी को 58 गिफ्ट्स मिले थे. इन गिफ्ट्स में घड़ियां, कलम, अंगूठी, कालीन, कंगन और कई सामान थे. इमरान खान ने चुनाव आयोग को बताया था कि इनमें से सिर्फ 14 गिफ्ट 30 हजार रुपये से ज्यादा के थे. इन गिफ्ट्स को उन्होंने नियम के मुताबिक तोशाखाना से खरीदा था. 

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