आतंकी फंडिंग मामले में जेल में बंद जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के चीफ यासीन मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन मलिक ने राहुल गांधी को पत्र लिख कर मदद मांगी है. उन्होंने बुधवार को विपक्ष के नेता राहुल से अपने पति के लिए संसद में बहस शुरू करने की गुजारिश की है. उन्होंने दावा किया कि मलिक जम्मू और कश्मीर में शांति ला सकते हैं.
मानवाधिकार और महिला सशक्तिकरण पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की पूर्व सहायक मुशाल हुसैन ने यासीन मलिक के खिलाफ "तीन दशक पुराने देशद्रोह के मामले" का जिक्र करके एक नई चर्चा शुरू कर दी है. बता दें कि यासीन मलिक के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मौत की सजा की मांग की है.
पाकिस्तानी पत्रकार ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, "मुशाल मलिक ने राहुल गांधी से अपने पति यासीन मलिक को बचाने की अपील की है, जो तेजी से बिगड़ते स्वास्थ्य के बीच तिहाड़ जेल में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं. उन्होंने ICU में ट्रांसफर करने की गुजारिश की है और न्यायिक उपेक्षा की चेतावनी दी, क्योंकि एनआईए 30 साल पुराने देशद्रोह के मामले में मौत की सजा की मांग कर रही है.
2022 में हुई थी उम्रकैद की सजा
यासीन मलिक खुद दिल्ली हाई कोर्ट में NIA द्वारा दायर अपील पर बहस कर रहे हैं, जिसमें आतंकी फंडिंग मामले में उनके लिए मौत की सजा की मांग की गई है. एनआईए ने 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में मलिक सहित कई व्यक्तियों के खिलाफ आरोप दायर किए, जिन्हें उनके खिलाफ आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद 2022 में एक ट्रायल कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
'अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं यासीन मलिक'
यासीन मलिक की पत्नी ने कहा, “2 नवंबर से मलिक जेल में अमानवीय व्यवहार के विरोध में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं. यह भूख हड़ताल उनके हेल्थ पर बुरा असर डालेगी और एक ऐसे व्यक्ति की जिंदगी को खतरे में डालेगी, जिसने सशस्त्र संघर्ष को त्यागकर अहिंसा की अवधारणा में यकीन करने का रास्ता चुना.”
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मुशाल मलिक ने आगे कहा, "राहुल जी, मैं इन किस्सों को मलिक का महिमामंडन करने के लिए नहीं बल्कि आपको यह बताने के लिए याद कर रही हूं कि वह अपने वादे पर कायम रहे.”
इसके अलावा मुशाल ने यह भी आरोप लगाया कि 2019 से मलिक को बीजेपी सरकार द्वारा "सभी अकल्पनीय तरीकों से" प्रताड़ित किया जा रहा है. उन पर 35 साल पुराने मामले में भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का मुकदमा चल रहा है और अब एनआईए द्वारा उनके खिलाफ दर्ज किए गए मनगढ़ंत मामलों में सजा-ए-मौत की मांग की जा रही है. मैं आपसे (राहुल) गुजारिश करती हूं कि आप संसद में अपने उच्च नैतिक और राजनीतिक प्रभाव का उपयोग करें और यासीन मलिक के मामले में बहस शुरू करें, जो जम्मू और कश्मीर में जैविक और दिखावटी शांति वापस लाने का साधन बन सकता है."