मुंबई आतंकी हमले का अहम आरोपी जकी-उर-रहमान लखवी जेल से बाहर आ गया है. गुरुवार को लाहौर हाई कोर्ट ने उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. गुरुवार को कोर्ट ने 10 लाख रुपये के निजी मुचलके पर लखवी को रिहा करने का आदेश दिया था. लखवी के रिहाई पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी आपत्ति जताई है.
इससे पहले लाहौर हाईकोर्ट ने 26/11 के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी की उस याचिका को एक बार खारिज कर दिया था, जिसमें उसने अपने खिलाफ हिरासत आदेश को चुनौती दी थी. लाहौर हाईकोर्ट में लखवी ने पंजाब के गृह विभाग के अपने खिलाफ जारी हिरासत के आदेश को चुनौती देते हुए एक याचिका दाखिल की थी.
उसके वकील रिजवान अब्बासी ने याचिका दाखिल करते हुए अदालत से अपील की थी कि वह लखवी की हिरासत को रद्द करे, क्योंकि यह अवैध है और इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है. इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने 13 मार्च, 2015 को तीसरी बार लखवी के हिरासत आदेश को निरर्थक करार दिया था. इससे एक दिन पहले ही पंजाब प्रांत के गृह विभाग ने उसके खिलाफ दोबारा हिरासत का आदेश जारी किया था.
गौरतलब है कि लखवी का नाम उन सात लोगों में शामिल है, जिन्होंने साल 2008 में मुंबई हमलों को अंजाम दिया था. 26/11 में संलिप्तता के लिए छह अन्य आरोपी अदियाला जेल में बंद हैं, जिनके खिलाफ सुनवाई चल रही है. माना जाता है कि हमले के समय लखवी प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा का कार्यवाहक प्रमुख था, जिसे भारत ने मुंबई हमले का जिम्मेदार ठहराया है. लखवी के साथ जरार शाह कथित तौर पर मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता हैं. इस हमले में 166 लोग मारे गए थे.