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ऑनलाइन लूडो खेलते हुए मिले, शादी की, फिर जुदा हो गए... यूपी के लड़के और कराची की लड़की की लव स्टोरी

भारत और पाकिस्तान के बाशिंदों के बीच प्यार की यह कहानी सितंबर 2022 में शुरू हुई थी. इकरा और मुलायम लूडो खेलते हुए ऑनलाइन मिले थे. प्यार परवान चढ़ने के कुछ ही महीने बाद इकरा नेपाल पहुंच गई और उन्होंने शादी कर ली. फिलहाल इकरा को पाकिस्तान डिपोर्ट कर दिया गया है जबकि मुलायम जेल में है.

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इकरा जीवानी और मुलायम सिंह यादव
इकरा जीवानी और मुलायम सिंह यादव

इकरा जीवानी पाकिस्तान की 19 साल की लड़की है, जिसे 21 साल के एक भारतीय शख्स से प्यार हुआ और उससे शादी करने के लिए वह कई देशों की सीमाओं को पार करते हुए हिंदुस्तान पहुंच गईं. इस दौरान इकरा को कुछ कम चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ा. जिस शख्स से वह प्यार करती है, उससे शादी करने के लिए उसने अपनी ज्वेलरी तक बेच दी, पैसे कम पड़े तो दोस्तों से उधार लेकर एयर टिकटें खरीदीं और दुबई पहुंची. वहां से काठमांडू होते हुए हिंदुस्तान की सीमा में दाखिल हुईं. 

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इकरा और 21 साल के मुलायम सिंह यादव ने शादी कर ली और बेंगलुरु में रहने लगे. लेकिन जब पुलिस को इकरा के पाकिस्तानी होने का शक हुआ तो उसे वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तान को सौंप दिया गया जबकि मुलायम के नसीब में आई जेल. 

इकरा और मुलायम लूडो खेलते हुए ऑनलाइन मिले थे. दोनों ने बाद में शादी करने का फैसला किया. प्यार परवान चढ़ने के कुछ ही महीने बाद इकरा नेपाल पहुंच गई और उन्होंने शादी कर ली.

पाकिस्तान के सिंध में इकरा के परिवार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि भारत ने जब वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तान प्रशासन को इकरा को सौंप दिया, तब उसके पिता, चाचा और मां उसे लेने गए थे. 

प्यार कैसे परवान चढ़ा?

दो मुल्कों के बाशिंदों के बीच प्यार की यह कहानी सितंबर 2022 में शुरू हुई थी, जब इकरा कॉलेज जाने के बाद लापता हो गई थी. इकरा के पिता का कहना है कि यह मामला अब रफा-दफा हो गया है. 

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उन्होंने कहा कि हम अभी तक समझ नहीं पा रहे हैं कि उसके अंदर खुद से हिंदुस्तान जाने का साहस कहां से आया. वह हमेशा से एक शर्मिली लड़की रही है. हम सब अचंभित हैं. लेकिन यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि इकरा कराची से दुबई, दुबई से फिर काठमांडू और वहां से भारत कैसे चली गई.

इकरा से जुड़े परिवार के एक सदस्य का कहना है कि इकरा ने यह लंबी और खतरनाक यात्रा इसलिए की क्योंकि उसे उस भारतीय से प्यार हो गया था, जिसे वह समीर अंसारी नाम का एक मुस्लिम सॉफ्टवेयर इंजीनियर समझती थी.लेकिन अंसारी असल में 26 साल का मुलायम सिंह यादव था, जो बेंगलुरु में एक सिक्योरिटी गार्ड है, जिससे इकरा की ऑनलाइन लूडो खेलते हुए मुलाकात हुई थी. 

इकरा ने अपनी ज्वेलरी बेच दी और अपने दोस्तों से पैसे उधार लेकर दुबई की टिकट खरीदी. वह दुबई से काठमांडू के लिए रवाना हुई. मुलायम ने पहले से इंतजाम कर रखा था, वह वहां से इकरा को बेंगलुरु ले आया. 

वहीं, इकरा के चाचा अफजल जीवानी का कहना है कि इकरा दुबई और फिर काठमांडू इसलिए गई क्योंकि उसे भारत का वीजा नहीं मिल पाया था.

बेंगलुरु के जिस इलाके में इकरा और मुलायम रह रहे थे, वहां के स्थानीय लोगों ने इकरा को नमाज अदा करते देखा और इसकी सूचना पुलिस को दी. 

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अफजल ने बताया कि उनके कुछ पड़ोसियों को शक हुआ, जब उन्होंने एक हिंदू के घर में एक लड़की को नमाज पढ़ते देखा क्योंक इकरा वहां रवा नाम से हिंदू महिला बनकर रह रही थी. 

पुलिस ने जब पूछताछ की तो उन्हें पता चला कि वह पाकिस्तानी है और वह दुबई से होते हुए भारत में दाखिल हुई है. अफजल बताते हैं कि इकरा को अपनी गलती का पछतावा है और वह बार-बार इसके लिए माफी मांगती है. उन्होंने कहा कि भारतीय शख्स ने उनकी भतीजी को धोखा दिया है. 

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