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'कश्मीरियों से पूछा जाना चाहिए कि...', पाकिस्तानी सांसद ने अपने ही देश को दिखाया आईना, कश्मीर पर प्रस्ताव के विरोध में उतरे

पाकिस्तान कश्मीर को लेकर हमेशा से ओछी हरकतें करता रहा है. मंगलवार को पाकिस्तान की संसद में कश्मीर से जुड़ा प्रस्ताव पेश किया गया. हालांकि, उसके ही एक सांसद ने प्रस्ताव का विरोध कर उसे आईना दिखा दिया.

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पाकिस्तान की संसद में कश्मीर से जुड़ा प्रस्ताव पास हुआ है (Photo- Reuters)
पाकिस्तान की संसद में कश्मीर से जुड़ा प्रस्ताव पास हुआ है (Photo- Reuters)

हर बार कश्मीर का राग अलापने वाले पाकिस्तान को उसके ही एक सांसद ने आईना दिखा दिया है. पाकिस्तान की संसद के निचले सदन, नेशनल असेंबली में मंगलवार को कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने जाने को खारिज करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया गया. इस प्रस्ताव का पाकिस्तान के सांसद महमूद खान अचकजई ने विरोध किया. प्रस्ताव के विरोध में अचकजई ने कठोर भाषा का इस्तेमाल करते हुए एक भाषण भी दिया, जिसके कुछ हिस्सों को संसद की लाइवस्ट्रीम में सेंसर कर दिया गया.   

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कश्मीर पर प्रस्ताव के विरोध में उतरे पाकिस्तानी सांसद

पश्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी (PKMP) प्रमुख महमूद खान अचकजई ने कहा कि उन्होंने कश्मीर पर लाए गए प्रस्ताव का विरोध किया क्योंकि उन्हें प्रस्ताव के ड्राफ्ट में संशोधन पेश करने की अनुमति नहीं दी गई थी.

संसद में अचकजई ने बेहद कठोर शब्दों का इस्तेमाल करते हुए अपनी स्पीच दी, जिसके कुछ हिस्सों को संसद की लाइवस्ट्रीम में सेंसर किया गया था.

अचकजई ने कहा, 'कश्मीर के लोगों से पूछा जाना चाहिए कि वे किस देश में शामिल होना चाहते हैं. अगर वे अपनी मर्जी से पाकिस्तान में शामिल होना चाहते हैं तो उनका स्वागत किया जाएगा.'

विरोध के बावजूद पास हुआ प्रस्ताव

सांसद के विरोध के बावजूद कश्मीर पर पाकिस्तानी संसद में लाया गया प्रस्ताव पास हो गया, क्योंकि पूरे सदन ने इस पर अपनी मंजूरी दे दी.

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सेफ्रन और कश्मीर मामलों के मंत्री अमीर मुकाम ने संसद में कश्मीर से जुड़े प्रस्ताव को पेश किया था. पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया के मुताबिक, प्रस्ताव में मांग की गई कि 'भारत कश्मीरी राजनीतिक कैदियों को रिहा करे, उन्हें मानवीय सहायता प्रदान करे, मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोके और ईमानदारी से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से संबंधित प्रस्तावों को लागू करे ताकि कश्मीरी लोग संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के तहत निष्पक्ष जनमत संग्रह की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के जरिए अपना भविष्य निर्धारित कर सकें.

प्रस्ताव में आगे कहा गया, 'सदन आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए कश्मीरी लोगों के संघर्ष को अपना नैतिक, राजनीतिक और कूटनीतिक समर्थन दोहराता है और उनके साहस और बहादुरी को सलाम करता है.'

स्पीकर के साथ तनातनी

अचकजई को संसद में बोलने से स्पीकर ने उन्हें रोका जिसे लेकर वो नाराज हुए और उन्होंने उन्हें 'हवलदार' कह दिया. जवाब में स्पीकर ने कहा कि उन्हें 'हवलदार' कहलाने पर गर्व है, क्योंकि वे देश के रक्षक हैं.

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