पाकिस्तान की आधिकारिक धार्मिक संस्था ‘काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी’ ने सरकार से उस कानून को खत्म करने की मांग की है, जिसके तहत कोई मुस्लिम महिला पति के दूसरी शादी कर लेने पर तलाक ले सकती है. काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद खान शीरानी ने इस साल संस्था की चौथी बैठक की अध्यक्षता करते हुए शादी से जुड़े अन्य कानूनों पर भी चर्चा की.
पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ की खबर के मुताबिक, शीरानी ने कहा कि इस्लाम ने महिलाओं को अपने पति से अलग होने का हक दिया है. लेकिन पति का दूसरी शादी कर लेना तलाक का मान्य आधार नहीं हो सकता. काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी ने मुस्लिम तलाक कानून, 1939 की प्रासंगिक धारा पर चर्चा की और कहा कि ऐसे तलाक का आधार शरिया के खिलाफ है.
शीरानी ने आगे कहा, 'हम चाहते हैं कि सरकार इस धारा को खत्म करे. यदि किसी महिला से असमानता या क्रूरता का बर्ताव किया जाता है तो वह अलग हो सकती है पर दूसरी या इससे ज्यादा शादियों के कारण उसे अलग होने की इजाजत नहीं दी जा सकती.'