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पाकिस्तान का जासूसी का काल सेंटर, फेक कॉल के जरिये जासूस बना रहा

भारतीय एयरफोर्स इनदिनों पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के निशाने पर है. दो दिनों के अंदर एयरफोर्स के दो विंग कमांडर संदिग्ध हालत में पकड़े गए हैं. दरअसल पाकिस्तान देश के सरहदी इलाके में जासूसी के नए-नए तरीके इजाद कर रहा है. इनमें सबसे नया है पाकिस्तान के आईएसआई के हेडक्वार्टर बहावलपुर में खुला पाकिस्तान के जासूसी का काल सेंटर.

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भारतीय एयरफोर्स इन दिनों पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के निशाने पर है. दो दिनों के अंदर एयरफोर्स के दो विंग कमांडर संदिग्ध हालत में पकड़े गए हैं. दरअसल पाकिस्तान देश के सरहदी इलाके में जासूसी के नए-नए तरीके इजाद कर रहा है. इनमें सबसे नया है पाकिस्तान के आईएसआई के हेडक्वार्टर बहावलपुर में खुला पाकिस्तान के जासूसी का कॉल सेंटर.

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इस कॉल सेंटर में जासूसी के लिए बैठे आईएसआई एजेंट दिन भर सरहदी इलाकों में  सैनिकों को तरह-तरह के लालच देकर या फिर अनजान बन कर मिस कॉल देकर फोन करते रहते हैं और इलाके से जुड़ी और सेना के मूवमेंट से जुड़ी जानकारी लेते रहते हैं. एयरफोर्स ने इसके लिए पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले कॉल को रोकने की मांग की है.

पहले जोधपुर का एयरफोर्स का विंग कमांडर सुनील भाटी जासूसी के आरोप में पकड़ा गया और अब एयरफोर्स का हीं विंग कमांडर शशांक शेखर पाकिस्तान जाने के चक्कर में बॉर्डर पर श्रीगंगानगर में पकड़ा गया. इससे पहले भी एयरफोर्स में इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इनमें से ज्यादातर मामलों में जासूसी के फंदे में फांसने की शुरुआत फेक कॉल से हुई है.

दरअसल, पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जासूसी का एक ऐसा मोर्चा खोल रखा है, जिसमें जासूस भेजने के जोखिम उठाए बिना भारत में सेना के बारे में जानकारियां उठाने की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का नया तरीका है जासूसी का कॉल सेंटर जिसमें बहावलपुर में बैठे इनके ट्रेंड लोग 24 घंटे भारत के सरहदी इलाकों में फोन करते रहते हैं. इनका मकसद होता है आर्मी और एयरफोर्स से जुड़ी जानकारी जुटाना और जासूस बनाना. साथ हीं ये सेना के अधिकारियों और कर्मचारियों को निशाना बनाते हैं.

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यही नहीं, सीमा से लगे इलाके में रहने वाले लोगों के पास भी मूवमेंट और सामरिक जानकारियों के लिए फोन आते रहते है. कभी मिस कॉल के जरिये दोस्ती करते हैं तो कभी लॉटरी जीतने के नाम पर.

इन इलाकों में ये सबको बताया जा रहा है कि जिन फोन और मोबाइल नंबरो के आगे 0092/+92 लगा हो उन नंबरो से बात नही करें या फिर बात हो भी जाती है तो किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नही दें. पाकिस्तान के इन नापाक हरकतों की वजह से रक्षा और गृह मंत्रालय ने तय किया है कि सभी सुरक्षा एजेंसियों में कॉलर आईडी वाले फोन हीं लगेंगे और साथ में बीएसएनएल को भी निर्देश किया है कि सीमावर्ती इलाके में लोगों को भी कॉलर आईडी वाले फोन हीं दिए जाएं.एयरफोर्स ने तो बीएसएनएल से कहा है कि वो पाकिसातानी कोड +92 से आने वाले कॉल्स को हमेशा के लिए बंद कर दें.

पाकिस्तान ने अब एक नए साफ्टवेयर फोन फरक का इस्तेमाल करने लगा है, जिसमें कॉल तो पाकिस्तान से आता है, लेकिन नंबर भारत का होता है. जैसे 091-9030040963 और 091-8885517481 नंबर से जासूसी का कॉल जैसलमेर के एक व्यक्ति के पास आया था. वो ब्रिटेन का पाकिस्तान बनकर सीमा पर सेना के मूवमेंट्स के बारे में जानना चाह रहा था, लेकिन पता करने पर पता चला कि ये कॉल पाकिस्तान से रूट की गई थी. बीएसएफ का कहना है कि इसके लिए बीएसएफ के सभी आधिकारियों को एलर्ट कर दिया गया है साथ हीं जिला प्रशासन ने भी लोगों में आईएसआई के इस जासूसी के नए अभियान के खिलाफ सभी थानों को एलर्ट कर दिया है.

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इस तरह की घटनाओं के बाद रक्षा मंत्रालय ने सभी सुरक्षा एजेंसियों के लिए निर्देश निकाला है कि कोई भी अपने घर पर या दफ्तर में अनजान कॉल अटेंड नहीं करेगा, साथ हीं सीमावर्ती इलाकों में भी लोगों को इसके लिए जागरुक किया जा रहा है.

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